निकिता मर्डर केस: परिजनों से मिलने पहुंचे विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, सरकार से की यह मांग

 विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि आखिर कितनी बेटियां इन हिन्दू द्रोही जिहादी मानसिकता की शिकार होती रहेंगी? उन्होंने मांग की कि बेटी के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा सरकार तुरंत दे तथा लव-जिहाद व जबरन या छल पूर्वक धर्मांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु सरकार एक कठोर कानून बनाए।  

Asianet News Hindi | Published : Oct 30, 2020 6:41 AM IST / Updated: Oct 30 2020, 01:04 PM IST

बल्लभगढ़ (हरियाणा). विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, एडवोकेट शुक्रवार सुबह हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता के परिवार से मिले और उन्हें सांत्वना दी। यह बहुत ही कारुणिक दृश्य था। एक प्रतिभावान और आसमान छूने की उमंग रखने वाली लड़की इस्लामिक जिहादियों के हाथों मार दी गई। इस पर धैर्य करना कठिन ही है। इस अवसर पर निकिता के परिजन और अन्य नजदीकी रिस्तेदार भी थे।

इस्लामों-फासिस्ट जिहादियों को लेकर कही ये बात
घर से बाहर निकल कर पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लामो-फासिस्ट जिहादियों की कार्यवाहियों से विश्वभर में सभ्य समाज की अभिव्यक्ति की आजादी, मानव की गरिमा और जीवन संकट में आ रहे है। सबको इसका मिलकर मुकाबला करना होगा।

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लव-जिहाद के  मामलों पर की यह मांग
क्षेत्र में बढ़ती लव-जिहाद धर्मांतरण तथा हिन्दू उत्पीड़न की घटनाएं बेहद चिंतनीय हैं। आखिर कितनी बेटियाँ इन हिन्दू द्रोही जिहादी मानसिकता की शिकार होती रहेंगी? उन्होंने मांग की कि बेटी के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा सरकार तुरंत दे तथा लव-जिहाद व जबरन या छल पूर्वक धर्मांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु सरकार एक कठोर कानून बनाए।  

फस्‍ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा केस, प्रतिदिन होगी सुनवाई
न्याय के अवरोधों को दूर करने हेतु विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि हमारी मांगों को मानते हुए राज्य सरकार ने फास्ट-ट्रेक कोर्ट का गठन, 30 दिन में सभी दोषियों के विरुद्ध चालान तथा प्रतिदिन सुनवाई की बातें स्वीकार लीं हैं। विश्व हिन्दू परिषद् भी इन सबकी निगरानी करेगा कि न्याय में कोई विलंब या अवरोध ना आने पाए।  

ऐसे थम सकतें हैं लव-जिहाद के मामले 
आलोक कुमार ने यह भी कहा कि हरियाणा, खासकर मेवात और उससे जुड़े क्षेत्र, में लगातार हो रही हिन्दू विरोधी व राष्ट्र विरोधी घटनाओं तथा इस प्रकार के हमलों की पुनरावृत्ति रोकने हेतु भी सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। ऐसे कई मामले ध्यान में आये है जिनमें हिन्दू बेटियों का वर्षों से कोई आता-पता नहीं है और माता-पिता तथा परिजन न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा, मेवात के संदर्भ, कुछ माह पूर्व नूह में की गईं घोषणाओं पर शीघ्र अमल करने का भी अब समय आ गया है।

 

8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...

- 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर सोमवार शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया।

- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बता दें, मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।

- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया। आरोपियों को पिस्टल उपलब्ध करवाने वाले तीसरे शख्स को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।

- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।

- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।

- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।

- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।

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