
पानीपत (हरियाणा). कोरोना की तीसरी लहर के बीच हरियाणा में स्कूल खोलने जा रहे हैं। खट्टर सरकार ने 1 फरवरी से 10वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है। यानि प्रदेश में मंगलवार से बड़े बच्चों का फिर से स्कूल ओपन करने का फैसला लिया है। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के स्कूलों में अभी भी 5753 शिक्षकों ने कोरोना की पहली डोज नहीं लगवाई है।
स्कूल आने के लिए छात्रों के सामने रखी ये शर्त
दरअसल, सोमवार को राज्य के शिक्षा विभाग ने कोरोना समीक्षा की बैठक की, इसके बाद एक फरवरी से दसवीं और बारहवीं के स्कूल खोलने का फैसला किया। हालांकि इस आदेश में बच्चों के माता पिता की सहमति जरूरी है। यानि अभिवावकों की लिखित अनुमति जरूरी है। जिसके बाद ही वह स्कूल आ सकते हैं। वहीं दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि जिन छात्रों ने पहली डोज लगवा ली है, उन्हीं स्टूडेंट को स्कूल में आने की अनुमति होगी।
81 प्रतिशत बच्चों लग चुकी पहली डोज
बता दें कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों के 81 प्रतिशत बच्चों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है। यानि 15 से 18 आयु वर्ग में 6 लाख 54 हजार 490 बच्चे हैं। जिसमें से 527529 बच्चों ने वैक्सीन लगा ली है। अभी 1 लाख 26 हजार 961 छात्र और बचे हैं जिनका टीकाकरण होना है।
5753 शिक्षक ऐसे जिन्हें नहीं लगी एक भी डोज
वहीं छात्रों के अलावा प्रदेश के 14160 स्कूलों में करीब 102722 शिक्षक हैं। जिसमे से सिर्फ 6888 टीचर ने ही वैक्सीन की पहली डोज लगवाई है। वहीं 90081 शिक्षक दूसरी डोज लगवा चुके हैं। इसके अलावा 5753 शिक्षक ऐसे भी हैं जिनको अभी तक कोई डोज नहीं लगा है।
यूपी-बिहार में बंद तो एमपी- महाराष्ट्र में खुले हैं स्कूल
बता दें कि आज ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कक्षा 1 से 12वीं तक सभी कक्षाएं 50 प्रतिशत उपस्थित के साथ खोलने का फैसला किया है। वहीं महाराष्ट्र में 24 जनवरी से और उत्तराखंड में 31 जनवरी से स्कूल ओपन हो चुके हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्य में अभी भी स्कूल बंद रखने का आदेश है।
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