सब्जियां बेचीं, सदर बाजार में दुकान भी चलाया, घरवालों ने दिया दबाव पर नहीं छोड़ा RSS का दामन

राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री। 5 साल पहले पार्टी से बाहर गुमनाम थे। PM मोदी जैसी लाइफ, उनके खास दोस्त भी।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2019 4:20 AM IST / Updated: Oct 27 2019, 10:49 AM IST

(आज खट्टर मनोहर लाल खट्टर 20वें मुख्यमंत्री  के रूप में शपथ लेंगे। )

करनाल/चंडीगढ़| मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे इस नेता को पांच साल पहले तक देशभर में शायद ही बहुत ज्यादा लोग जानते हों। यही वजह है कि जब मुख्यमंत्री के रूप  में इनका नाम सामने आया तो, हर कोई खट्टर के नाम लेकर हैरान रह गया था।

खट्टर का जन्म रोहतक जिले की करनाल तहसील में 1954 में हुआ था। परिवार का बैकग्राउंड खेती किसानी का रहा है। बचपन में खेत में जो सब्जियां पैदा होती थीं, उसे साइकिल पर लादकर रोहतक जिले की मंडी तक बेचने जाया करते थे। खट्टर के घरवाले बताते हैं कि बचपन से ही उनके अंदर शालीनता भरी है। उन्होंने न तो कभी जिद किया और रोए भी नहीं। खट्टर ने पारिवारिक जमीन में भाइयों से अपना हिस्सा भी नहीं मांगा।

परिवार का कहना पर भी नहीं छो़ड़ा था संघ

परिवार के दबाव के बावजूद संघ नहीं छोड़ा और शादी नहीं की। सरकारी स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली चले गए। कहते हैं कि इन्होंने यहां सदर बाजार में दुकान भी चलाई। मुख्यमंत्री ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपना ग्रैजुएशन पूरा किया।

प्रचारक बनने पर नहीं का शादी

खट्टर ने 1977 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्वाइन किया था। तीन साल बाद संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। प्रचारक बनने की वजह से इन्होंने आजीवन शादी नहीं की। 1994 में बीजेपी की राजनीति में आने से पहले तक खट्टर संघ प्रचारक के रूप में ही कार्य करते रहे।

चुनाव अभियान समीति के बने मेंबर

2000 से 2014 के दौरान खट्टर ने हरियाणा में पार्टी के संगठन महासचिव के रूप में कार्य किया। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वो राज्य में पार्टी की चुनाव अभियान समिति  के चेयरमैन भी रहे। इसी साल खट्टर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल किया गया। खट्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। कहते यह भी हैं कि दोनों संघ के जमाने से एक-दूसरे के मित्र भी हैं। महिलाओं की आजादी को लेकर खट्टर के एक बयान पर कुछ विवाद भी हुए हैं।

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