Haryana: महिला डांसरों के साथ आंदोलन करने वाले किसानों का जश्न, पैसे लुटाए, जानिए रंगारंग कार्यक्रम की वजह

हरियाणा (Haryana) के बसताड़ा टोल प्लाजा (Bastara toll plaza) पर शनिवार रात रंगारंग कार्यक्रम (Ragini program) आयोजित किए गए। यहां सालभर से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे हैं। एक दिन पहले जैसे ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) ने पराली जलाने पर आपराधिक केस ना दर्ज करने की जानकारी दी तो किसानों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई। किसानों ने इसे अपनी दूसरी जीत बताया है। सरकार ने किसान संगठनों को साथ लेकर एमएसपी पर समिति बनाए जाने का भी निर्णय लिया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 28, 2021 6:14 AM IST

करनाल। हरियाणा (Haryana) के करनाल (Karnal) जिले के बसताड़ा टोल प्लाजा (Bastara toll plaza) पर शनिवार रात रंगारंग कार्यक्रम (Ragini program) आयोजित किए गए। किसानों ने मिठाई बांटी, जश्न मनाया और रागिनी कार्यक्रम किया। इसमें चार चांद लगाने के लिए महिला डांसरों (female dancers) को बुलाया गया, जिन्होंने पंजाबी (Punjabi), हिंदी (Hindi) और हरियाणवी गानों (Haryanvi songs) पर जमकर डांस किया। किसानों के समूह से लोगों ने इन लड़कियों पर पैसे लुटाए और जश्न का इजहार किया। दरअसल, शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar)  ने पराली जलाने (stubble burning) पर आपराधिक केस ना दर्ज करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही किसान संगठनों को साथ लेकर एमएसपी पर समिति बनाए जाने का भी निर्णय लिया है। किसानों ने इसे अपनी दूसरी जीत बताकर खुशी मनाई। 

मौके पर मौजूद किसानों ने जश्न मनाया। ठुमके लगाए और खुशी के ठहाके भी देर रात तक लगते रहे। शनिवार की शाम से जश्न शुरू हुआ और देर रात तक चलता रहा। इधर, किसानों के कार्यक्रम पर लोग सवाल भी उठाने लगे हैं। उनका कहना था कि रागिनी कार्यक्रम तक तो बात ठीक थी, मगर हाइवे पर रात में लड़कियों को बुलाना और उनसे ठुमके लगवाकर जश्न मनाना, पैसे लुटाना हमारी मर्यादा से बाहर हो जाता है। धरने पर ज्यादातर बुजुर्ग किसान भी बैठे हैं।

मुआवजा और मुकदमे वापस होने तक डटे रहेंगे: किसान
किसान नेता हैप्पी औलख, रामपाल चहल और सुखविंदर ने कहा कि सरकार का ये फैसला किसानों की दूसरी सबसे बड़ी जीत है। किसानों के संघर्ष के कारण सरकार झुकी है और किसानों पर पराली जलाने पर दर्ज होने वाला अपराधिक केस वापस ले लिया है। जब तक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते और मृतक किसानों के परिजन को मुआवजा नहीं मिलता, तब तक किसानों की जीत अधूरी रहेगी। उम्मीद है कि राज्य सरकारें भी किसानों की मांगों को जल्द ही पूरा कर देंगी, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

किसान बोले- ये हमारी बड़ी जीत हुई है...
इस संबंध में किसान नेता मनजीत का कहना था कि आज हमारे प्रधानमंत्री दूसरी बार किसानों के सामने झुके हैं। अब तक उन्होंने अपना कोई भी फैसला वापस नहीं लिया है। किसानों ने आज दूसरी बार उनसे अपनी बात मनवाई है। ये बड़ी जीत है। कृषि मंत्री ने पराली जलाने पर केस दर्ज होने के कानून को वापस ले लिया है। अब किसानों के लिए और भी बड़ी घोषणा हो सकती है।

अब ना जुर्माना लगेगा, ना धाराएं: किसान नेता
किसान नेता खुशवीर ने कहा कि किसानों की दोबारा से मजबूत जीत हुई है। कृषि मंत्री तोमर ने कहा है कि पराली जलाने पर जो धाराएं लगाई जाती हैं और जुर्माना लिया जाता है, अब वह नहीं लगाया जाएगा। किसान के पास पराली को जलाने के अलावा दूसरा कोई साधन नहीं है। 

बसताड़ा टोल पर 11 माह से धरना दे रहे किसान
बता दें कि बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसान 11 माह से धरना दे रहे हैं। ये किसान सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग करते आ रहे थे। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Pm Modi ) ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी। जिसको कैबिनेट में भी मंजूरी मिल चुकी है। शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ( Union Agriculture Minister Narendra Tomar ) ने पराली जलाने ( Paddy Straw ) पर क्रिमिनल ऑफेंस ना लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही एमएसपी पर किसान संगठनों को साथ लेकर समिति बनाए जाने का भी निर्णय लिया। इसके अलावा, मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने और मुकदमों को खारिज किए जाने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।

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