MBBS टॉपर स्टूडेंट ने किया सुसाइड, हॉरर पेंटिंग बनाता था, कविताएं लिख बयां करता था अपना दर्द

यह घटना हिसार जिले के महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा से सामने आई है, जहां सोमवार सुबह MBBS स्टूडेंट आशीष ने  हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपनी जिंदगी से दुखी हो चुका है, ऐसी जीवन से किया मतलब, जिसका कोई उद्देशय ना हो।

Asianet News Hindi | Published : Mar 15, 2021 3:49 PM IST / Updated: Mar 16 2021, 10:53 AM IST

हिसार (हरियाणा). अक्सर हर स्टूडेंट का सपना होता है कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बने, बस किसी तरह उसका मेडिकल में एममिशन हो जाए। लेकिन हरियाणा के हिसार जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। जहां एक MBBS की पढ़ाई कर रहे फर्स्ट ईयर का छात्र अपनी जिंदगी से इतना दुखी हो गया कि उसने खुदकुशी कर ली। जबकि वह अपनी क्लास का टॉपर स्टूडेंट था। मरने से पहले उसने डेढ़ पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर की जिंदगी खत्म
दरअसल, यह घटना हिसार जिले के महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा से सामने आई है, जहां सोमवार सुबह MBBS स्टूडेंट आशीष ने  हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बारे में तब पता चला, जब उसका दोस्त उससे मिलने के लिए आया तो दरवाजा बंद था। काफी देर तक गेट खटखटाने के बाद आशीष ने दरवाजा नहीं खोला तो उसे कुछ अनहोनि की अशंका हुई। जिसके बाद उसने पुलिस को सूचित कर मौके पर बुलाया। अंदर जाकर देखा तो वह पंखे से लटक रहा था।

अपनी जिंदगी से हो चुका था दुखी, नहीं बचा था उद्देशय
पुलिस को शव के साथ एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उसने मरने का कारण लिखा है। लिखा है कि वह अपनी जिंदगी से दुखी हो चुका है, ऐसी जीवन से किया मतलब, जिसका कोई उद्देशय ना हो। बस जिए जा रहा है, इसलिए जा रहा हूं। हालांकि पुलिस अभी जांच कर रही है, साथ ही हैंडराइटिंग का मिलान भी किया जाएगा। बाकी छात्रों से बातचीत के बाद पता चला है कि आशीष काफी दिन से मानकिस तनाव में था, किसी से ज्यादा बात भी नहीं कर रहा था।

हॉरर पेंटिंग बनाता था, जिंदगी के थे बस दो शौक
बता दें कि आशीष अपने बैच का टॉपर स्टूडेंट था, वह हर चीज अक्सर सबसे पहले कम्पलीट करता था। उसको पेंटिंग्स बनाना और कविताएं लिखने का शौक था। हॉरर पेंटिंग बनाता था और दर्द भरी कविताएं लिखता था। जिनको वह सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था। जब कभी वह दुखी होता तो वह पेंटिंग बनाकर अपना दुख बयां करता था।
 

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