'इसलिए हनीप्रीत का राम रहीम से मिलना जरूरी, पुलिस के इंकार के बाद मंत्री के दरबार में लगाई गुहार

दो साल बाद जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद हनीप्रीत राम रहीम से मिलने के लिए बेताब है। वह जिस दिन से बाहर आई है वो उसी समय से बाबा से मिलने की कोशिश में लगी हुई है। अब उसने पुलिस के इंकार करने के बाद हरियाणा के मंत्री अनिल विज से गुहार लगाई है।

रोहतक (हरियाणा). जेल से जमानत पर आने के बाद से हनीप्रीत राम रहीम से मिलने के लिए बेताब है। वह बाबा से मुलााकत के लिए हर तरह की पूरी कोशिश कर रही है। जब जेल के अधिकारियों और पुलिस ने मिलने से इंकार कर दिया तो उसने वकीलों के जरिए प्रदेश के मंत्री अनिल विज से गुहार लगाई है।  

इसलिए हनीप्रीत का राम रहीम से मिलना है जरूरी
दरअसल, जब हर जगह निराशा मिली तो हनीप्रीत के वकील अब हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज के जनता दरबार में पहुंचे। जहां उन्होंने कहा-हनीप्रीत को सुनारिया जिल में बंद गुरमीत राम रहीम से मुलाकात कराने की इजाजत दी जाए। हालांकि विज की तरफ से अभी तक उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। वकील का कहना का है कि बाबा से बेटी का मिलना बेहद जरूरी है। क्योंकि राम रहीम को डेरे के संबंध में जो आदेश देने हैं वह हनीप्रीत को ही बता सकते हैं।

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हनीप्रीत जेल डीजी को लिख चुकी है लेटर
बता दें कि इसके लिए हनीप्रीत कई बार हरियाण जेल डीजी को लेटर भी लिख चुकी है। उसका कहना है कि वह अपने मौलिक अधिकारों के लिए हर तरह के प्रायास करती रहेगी। मुझे मिलने से कोई नहीं रोक सकता है। अगर मुझको मिलने नहीं दिया गया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है।

पहली बार यहां दिखी थी हनीप्रीत
बता दें कि हनीप्रीत 6 नवंबर को अंबाला जेल से रिहा किया गया था। इसके बाद वह करीब एक सप्ताह बाद पहली बार सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बाबा शाह मस्ताना बलुचिस्तानी का 128वां जन्मदिवस के कार्यक्रम में शामिल हुईं थी। राम रहीम के जेल जाने के बाद सिरसा में यह सबसे बड़े समारोह का आयोजन रखा गया था।

दो साल से जेल में बंद थी हनीप्रीत
 हनीप्रीत अक्टूबर 2017 से अंबाला जेल में बंद थी। पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में हनीप्रीत को गिरफ्तार किया था। हिंसा के बाद से पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिनों बाद गिरफ्तार की जा सकी। गुरमीत राम रहीम चौधरी को पंचकूला कोर्ट ने 2017 में साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी ठहराया था। इसके बाद 25 अगस्त को पंचकूला समेत अन्य जगहों में हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी। इसमें कई लोगों की जान भी चली गई थी। 
 

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