5 हजार साल से इस गांव में राम-राज्य, भगवान शिव सरपंच, पूरे गांव में है सिर्फ एक मतदाता

हरियाणा में एक गांव ऐसा भी है जहां पांच हजार सालों से राम-राज्य है। हजारों सालों से एक गांव की सरपंची स्वयं भगवान शिव कर रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे गांव में सिर्फ एक मतदाता है। विकास के मामले में ये गांव अन्य गावों के अपेक्षा कहीं आगे है और यहां तकरीबन सारी सरकारी योजनाएं पहुंची हैं।

Ujjwal Singh | Published : Oct 21, 2022 5:15 AM IST / Updated: Oct 21 2022, 11:56 AM IST

कैथल(Haryana). हरियाणा में पंचायत चुनाव (Haryana Panchayat Election 2022) का ऐलान होने के बाद अब यहां गांवों में सरपंची के लिए राजनीतिक जंग जारी है। प्रत्याशी लोक-लुभावन वायदों से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हरियाणा में एक गांव ऐसा भी है जहां पांच हजार सालों से राम-राज्य है। हजारों सालों से एक गांव की सरपंची स्वयं भगवान शिव कर रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे गांव में सिर्फ एक मतदाता है। विकास के मामले में ये गांव अन्य गावों के अपेक्षा कहीं आगे है और यहां तकरीबन सारी सरकारी योजनाएं पहुंची हैं।

हम बात कर रहे हैं हरियाणा के कैथल जिले के कलायत उप मंडल के गांव खड़ालवा की। इतिहास के मुताबिक इस गांव में पांच हजार वर्ष से राम-राज है। जिला कैथल संभाग के इस गांव की जिम्मेदारी खुद भगवान राम के ईष्टदेव भोलेनाथ के हाथ हैं। इस गांव का इतिहास इतना पुराना है कि यहां अभी तक खुदाई में पुरातात्विक अवशेष मिलते रहते हैं। लेकिन पांच हजार सालों में इस गांव में कभी चुनाव नहीं हुआ। पूरे गांव में सिर्फ एक मतदाता भगवान शिव के हजारों साल पुराने मंदिर के पुजारी महंत रघुनाथ गिरी ही हैं। 

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रघुवंश से जुड़ा है इस गांव का इतिहास 
इस शिव मंदिर का इतिहास श्रीराम चंद्र जी के समय यानी रघुवंश से जुड़ा है। यहां भगवान शंकर का बेहद प्राचीन मंदिर है जिसे पातालेश्वर और खट्वांगेश्वर के नाम से जाना जाता है। पुरातत्व विदों के मुताबिक इस गांव का इतिहास बेहद पुराना है। काफी सालों पहले शकों और हूणों ने हमला कर इस गांव में जमकर लूटपाट की थी और इसे बर्बाद कर दिया था । इसके बाद यह गांव दोबारा कभी आबाद नहीं हुआ। यहां न तो किसी का घर है और न ही लोग। पांच हजार वर्ष से इस गांव में सिर्फ एक प्राचीन शिव मंदिर स्थिति है। इन्हीं को इस गांव का मुखिया माना जाता है। आधिकारिक रूप से भगवाना शिव मंदिर के पुजारी महंत रघुनाथ गिरी ही इस गांव में एक मात्र निवासी और मतदाता हैं।

भगवान शिव के इस गांव में बह रही विकास की गंगा 
कलायत के नायब तहसीलदार हरिंदर पाल के मुताबिक कि राजस्व विभाग में ये गांव दर्ज है। इस गांव की जमीनें कृषि और गैर कृषि दोनों में दर्ज हैं। गांव में लोगों की जरूरत की हर चीज जैसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, धर्मशाला, सहकारी बैंक, अस्थायी बस स्टैँड, गोशाला, पुरुष-महिलाओं के अलग स्नान गृह, दो सडक़ें, गलियां और ग्रामीण परिवेश से जुड़ी तकरीबन सभी सुविधाएं मौजूद हैं। वहीं चुनाव कार्यक्रम के सुपरवाइजर सुभाष शास्त्री ने बताया कि इस गांव की मतदाता सूची में केवल एक मतदाता है।

खुदाई में मिलते हैं अवशेष 
प्राचीन शिव मंदिर के मुख्य महंत रघुनाथ गिरी के मुताबिक इस गांव का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। यहां आज भी खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन, मिट्टी के बने औजार, मिट्टी की चूडिय़ां पुरानी दीवारों के अवशेष, जन जीवन से जुड़ी तमाम वस्तुओं के अवशेष मिलते हैं। 

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