राज्यसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। जिसके चलते एक बार फिर से राजस्थान के बाद अब हरियाणा ने भी अपने सभी विधायकों को राज्य से निकालकर छत्त्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेज दिया है।
पानीपत (हरियाणा). राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है। हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर 10 जून को होने वाले हैं। लेकिन यह चुनाव कांग्रेस के लिए मुसीबत बनता दिखाई दे रहा है। जिसके चलते कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। कांग्रेस अपने इन 28 विधायकों को पहले बस से दिल्ली लेकर पहुंची, इसके बाद स्पेशल विमान के जरिए इन्हें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर रवाना किया गया। यहां सभी विधायकों को एक फाइव स्टार होटल में रखा गया है।
हाईकमान की मीटिंग के बाद रायपुर रवाना हुए विधायक
दरअसल, कांग्रेस के 31 में से 28 विधायक गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। वहीं आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई नहीं पहुंचे। दिल्ली पहुंचने के बाद पार्टी के सीनियर नेता केसी वेणुगोपाल ने हुड्डा निवास पर इनके साथ एक बैठक की। फिर हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने भी विधायकों से मुलाकात की। उसके बाद विधायकों को पहले बस से एयरपोर्ट लाया गया। उसके बाद उन्हें छत्तीसगढ़ रवाना किया गया।
कांग्रेस ने विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने की बताई ये वजह
कांग्रेस के ये सभी विधायक रायपुर के एक रिसॉर्ट में 9 जून तक रहेंगे। यहीं से सभी 10 जून को वोटिंग वाले दिन ये सभी रायपुर से चंडीगढ़ और उसके बाद हरियाणा विधानसभा पहुंचेंगे। वहीं जब मीडिया ने विधायकों को रायपुर भेजने को लेकर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे विधायक एक वर्कशॉप के लिए रायपुर जा रहे हैं।
कांग्रेस को डर क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं विधायक
बता दें कि हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन नामांकन दाखिल किए गए हैं। जहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की तरफ से कृष्ण लाल पंवार और कांग्रेस की ओर से अजय माकन के अलावा पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार बने हैं। ऐसे में कांग्रसे को डर है कि कहीं उनके विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। भाजपा और कांग्रेस को जीत के लिए 31-31 विधायकों का समर्थन चाहिए। हरियाणा में भाजपा के 40 और कांग्रेस के 31 विधायक हैं।