सरकारी स्कूल के बच्चों को सुनाई जाएगी राम कहानी, बच्चे निभाएंगे राम-रावण का किरदार

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चे रामलीला करते नजर आएंगे। बच्चों में रामलीला के अच्छे किरदारों जैसा व्यक्तित्व निखारने के लिए स्कूलों में रामलीला का मंचन बच्चों द्वारा करवाया जाएगा।

Ujjwal Singh | Published : Oct 21, 2022 6:10 AM IST / Updated: Oct 21 2022, 02:06 PM IST

चंडीगढ़(Haryana). हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चे रामलीला करते नजर आएंगे। बच्चों में रामलीला के अच्छे किरदारों जैसा व्यक्तित्व निखारने के लिए स्कूलों में रामलीला का मंचन बच्चों द्वारा करवाया जाएगा। राम से रावण तक का किरदार बच्चे निभाएंगे। दीपावली के बाद 26 अक्टूबर से रामलीला की रिहर्सल शुरू होगी और फिर 11 नवंबर को सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में बाल रामायण प्रतियोगिता होगी।

बताया जा रहा है कि बच्चों को शुद्ध उच्चारण और रोल प्ले के जरिये संवाद दक्षता में निपुण बनाने तथा रामायण के पात्रों के जरिये उनमे नैतिक और बौद्धिक स्तर को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। बाल रामायण के पात्रों और उनके रोल की जानकारी भी बच्चों और अध्यापकों के साथ साझा की गई है। स्कूल शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना संयोजकों और खंड शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। निपुण हरियाणा मिशन के तहत यह बाल रामायण प्रतियोगिताएं मंचित की जाएंगी। रामलीला मंचन की खास बात यह है कि इसमें केवल पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों को ही शामिल किया गया है ।

Latest Videos

26 अक्टूबर से रिहर्सल और 11 नवंबर को होगा कम्पटीशन
हरियाणा के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 26 अक्टूबर से 10 नवंबर तक रामायण के पात्रों और उनके किरदार की रिहर्सल करने के आदेश दिए गए हैं। जबकि 11 नवंबर को सभी स्कूलों में रामलीला मंचन की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। अध्यापकों को रामलीला मंचन की तीन से चार मिनट की वीडियो बनाकर इसे ट्विटर और फेसबुक पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। प्रतियोगिता में बाल रामायण का जो मंचन सबसे अच्छा होगा, उसे निपुण हरियाणा के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक पेज पर प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा।

पाठ्यक्रम में शामिल है बाल रामायण
हरियाणा शिक्षा बोर्ड में कक्षा छठी में हिंदी पाठ्यक्रम में बाल रामायण लागू की गई है, ताकि बच्चों में भाषा शिक्षण के प्रति रुचि पैदा हो। अनुभव से सीखने का अवसर मिले और भाषा के कौशल को भी समझने में मदद मिले। स्कूलों में होने वाली बाल रामायण की रिहर्सल को सफल बनाने के लिए बच्चों के माता-पिता के सहयोग के साथ ही समाज के अच्छे लोगों से भी शामिल होने की अपील की जाएगी ।

Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh