
पानीपत, हरियाणा. कहते हैं कि हौसल बुलंद हों, तो कोई भी मजबूरी या परेशानी आपकी सफलता में रोड़ा नहीं बन सकती। यह हैं रूबी। इनका परिवार जीटी रोड पर अनाजमंडी के पास बनीं झुग्गी बस्ती में रहता है। पेट पालने के लिए इनका परिवार पुराने कपड़े खरीदता है। उनसे धागे निकालकर बेचता है। यानी जिंदगी संघर्षों में गुजर रही है। ऐसे भी कई अवसर आए, जब रूबी को सड़क पर बैठकर पढ़ना पड़ा। कभी आग, तो कभ किसी अन्य कारण से इनकी झुग्गी एक नहीं, 16 बार उजड़ी। पर रूबी ने हार नहीं मानी। आज वे सिविल जज हैं। लोगों के लिए प्रेरणा।
झारखंड में पोस्टेड हैं रूबी..
रूबी की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, जो पढ़ाई-लिखाई के लिए सारी सुख-सुविधाएं चाहते हैं। रूबी इन दिनों झारखंड में पोस्टेड हैं। रूबी पढ़ने में बहुत होशियार रही हैं। लेकिन पारिवारिक स्थितियों ने काफी दिक्कतें पैदा कीं। चार बहनों में सबसे छोटी रूबी ने अंग्रेजी संकाय में एमए किया है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी, लेकिन फेल हो गईं। इसी बीच प्रशासन ने झुग्गी बस्ती पर बुल्डोजर चलवा दिया। पूरा परिवार सड़क पर रहने को मजबूर हो गया। रूबी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से वर्ष 2016 में एलएलबी की। वे वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश और हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा में बैठीं, मगर सफलता नहीं मिली।
एग्जाम के महीने भर पहले फिर रोड पर आया परिवार
रूबी ने 27 मई को झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा दी थी। ठीक महीने भर पहले उनकी झुग्गी में आग लग गई थी। यानी पूरा परिवार सड़क पर गया था। रूबी को सड़क पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ी। 10 जनवरी 2020 को रूबी का इंटरव्यू हुआ। इसमें उन्हें सिविल जज (जूनियर डिविजन) के रिजल्ट में 52वीं रैंकिंग हासिल हुई। रूबी के पिता अल्लाउद्दीन की 2004 में असामयिक मौत हो गई थी। मां जाहिदा बेगम ने जैसे-तैसे बच्चों को पाला। रूबी का एक भाई भी है। भाई मोहम्मद रफी ने हमेशा रूबी के साहस को आगे बढ़ाया।
हरियाणा की राजनीति, कृषि-किसान मुद्दे, खेल उपलब्धियां, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स और जिले-वार खबरें अब तुरंत पाएं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक समेत पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए Haryana News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद खबरें Asianet News Hindi पर।