हरियाणा के अंबाला जिले में 2 सगी बहनें अपनी शादी वाले दिन हाथों में मेंहदी लगाकर और दुल्हन का जोड़ा पहनकर मंडप में बैठी यही सोच रहीं थी कि कुछ देर बाद वो शादी के सात फेरे लेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि ना तो बारात आई और ना ही दूल्हा आया। दोनों दूल्हे दहेज के लालची जो थे। इसी वजह से उन्होंने शादी तोड़ दी।
अंबाला (हरियाणा). दो सगी बहनें अपनी शादी वाले दिन हाथों में मेंहदी लगाकर और दुल्हन का जोड़ा पहनकर मंडप में बैठी यही सोच रहीं थी कि कुछ देर बाद वो शादी के सात फेरे लेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि ना तो बारात आई और ना ही दूल्हा आया।
बड़ी बहन बेहोश होकर गिर पड़ी तो छोटी फूट-फूटकर रोती रही
दरअसल, अंबाला शहर के पास के गांव में मंगलवार के दिन एक परिवार में खुशियों का माहौल था। क्योंकि एक ही दिन उनको दो बेटियां अपने घर से विदा होकर पिया के साथ जाने वाली थीं। सब बहुत खुश थे, मेहमान भी आ चुके थे और मंडप भी सज चुका था। बस दोनों बारात का इंतजार हो रहा था। आखिर लग्न, मुहुर्त सब बीत गए, लेकिन दहेज का लालची दूल्हे बारात लेकर नहीं आए। यह बात जैसे ही बड़ी बहन को पता चला तो वह बेहोश होकर गिर पड़ी। जहां उसको अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। वहीं दूसरी बेटी फूट-फूटकर रोती रही।
दोनों दूल्हे आपस में थे रिश्तेदार
बता दें कुछ दिन पहले नग्गल एरिया में रहने वाले एक पिता ने अपनी दो बेटियों की शादी तय की थी। जहां एक बेटी की शादी कुरुक्षेत्र के एक गांव में होनी थी जबकि दूसरी की अंबाला के बराड़ा खंड के गांव में। होने वाले दोनों दामाद आपस में रिश्तेदार थे। इसलिए लड़कियों के घरवाले बहुत खुश थे।
एक दिन पहले दोनों परिवारों में हुई थी कहासुनी
शादी से ठीक दिन पहले सोमवार के दिन लड़की के परिजन दोनों परिवारों के यहां सगाई लेकर आया था। जहां एक परिवार ने दहेज की मांग की थी, जिसको लेकर लड़की के पिता ने देने से मना कर दिया था। उसी दौरान कुछ कहासुनी भी हुई थी। हालांकि बाद में मामला शांत हो गया था। लेकिन दोनों दूल्हे बारता लेकर नहीं आए। लड़की के पिता ने दोनों की शिकायत पुलिस में तो नहीं कराई। पर पूरे दिन यह खबर आस पास के इलाके में चर्चा में रही।