नए साल के मौके पर मंगाई थी बिरयानी, खाने के बाद 20 साल की लड़की की हुई मौत, जानें क्या होता है फूड प्वाइजनिंग

केरल में 20 साल की लड़की की मौत बिरयानी खाने से हो गई। नए साल पर उसने ऑनलाइन ऑर्डर करके बिरयानी मंगाई थी। खाने के बाद उसे फूड प्वाइजनिंग हुआ और वो इस दुनिया को छोड़कर चली गई। आइए जानते हैं पूरा मामला।
 

हेल्थ डेस्क.केरल (kerala) में बिरयानी  (Briyani) खाने से एक 20 साल की लड़की की मौत हो गई। 31 दिसंबर को कासगोड में रहने वाली लड़की ने स्थानीय होटल से ऑनलाइन बिरयानी का ऑर्डर दिया था। नए साल का जश्न मनाने के दौरान उसने बिरयानी खाई। इसके बाद उसे फूड प्वाइजनिंग (Food Posining) हो गई। तबीयत खराब होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। माता-पिता की शिकायत के बाद पूरे मामले की जांच हो रही है। 

खाना मंगाते वक्त बरते सावधानी

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ऑनलाइन खाना मंगाते वक्त लोगों को होटल की रेटिंग, उसकी हाइजीन को जरूर देखना चाहिए। होटल वालों से यह भी पूछना चाहिए कि जो फूड भेजा जा रहा है वो फ्रेश है ना। कुल मिलाकर खाना मंगाने से पहले उसकी क्वालिटी को जरूर देख लेना चाहिए। चलिए बताते हैं फूड प्वाइजिंग क्या होता है और इसके लक्षण क्या हैं।

क्या होता है फूड प्वाइजनिंग

फूड प्वाइजनिंग पेट से संबंधित एक संक्रमण हैं जो कि स्टैफिलोकोकस नाम बैक्टीरिया, वायरस और अन्य पैरासाइट की वजह से हो सकता है। ये बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट भोजन के साथ पेट में चले जाते हैं। जिसकी वजह से पेट में संक्रमण होता है। फूड फ्वाइजनिंग सिर्फ खाने से नहीं, बल्कि गंदा पानी , ज्यादा पानी पीने से या फिर अन्य ड्रिंक से भी हो सकता है। 

अगर आपको फूड प्वाइजनिंग है तो इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। लक्षण बीमारी के संक्रमण पर निर्भर करते हैं। इसके लक्षणों लक्षणों के सामने आने की समय सीमा 1 घंटे से लेकर 28 दिनों तक हो सकती है।

फूड प्वाइजनिंग के सामान्य लक्षण
मितली, उल्टी, लूजमोशन
पेट में दर्द और पेट में ऐंठन होना
कमजोरी और थकान
बुखार आना
भूख कम लगना
मांसपेशियों में दर्द

कुछ मामलों में फूड प्वाइजनिंग जानलेवा होता है
3 दिन से ज्यादा दस्त का रहना
101 से ज्यादा बुखार का बने रहना
देखने और बोलने में समस्या आने लगना
मुंह का सूखना, पेशाब ना आना,शरीर में लिक्विड बनाए रखने में मुश्किल होना
पेशाब में खून आना।

उपचार

कई बार फूड प्वाइजनिंग अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार यह जानलेवा हो जाता है। इसलिए अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। हल्के केस में डॉक्टर रिकवरी करने के लिए  इलेक्ट्रोलाइट, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम युक्त फ्लूइड लेने की सलाह देते हैं। ज्यादा गंभीर लक्षण दिखने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है।

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