कोरोना वायरस का इन्फेक्शन होने के बाद अब लक्षणों में आ रहा है बदलाव, सतर्कता बरतना है बेहद जरूरी

कोरोना महामारी की शुरुआत दिसंबर के आखिरी हफ्ते में चीन के वुहान शहर से हुई। चीन में तो कोरोना का कहर खत्म हो गया, लेकिन अब इसने पूरी दुनिया में भयानक तबाही मचा दी है। 

हेल्थ डेस्क। कोरोना महामारी की शुरुआत दिसंबर के आखिरी हफ्ते में चीन के वुहान शहर से हुई। चीन में तो कोरोना का कहर खत्म हो गया, लेकिन अब इसने पूरी दुनिया में भयानक तबाही मचा दी है। पूरी दुनिया में कोरोना से करीब 29 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसका संक्रमण दुनिया के 200 से भी ज्यादा देशों में फैल चुका है और अब तक इससे कुल 2 लाख 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना का संक्रमण होने पर फेफड़े पर बुरा असर पड़ता है। खांसी के साथ बुखार के लक्षण उभरते हैं और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। बीमारी बढ़ने के बाद सांस लेने में इतनी दिक्कत होने लगती है कि मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ सकता है। 

क्या हैं शुरुआती लक्षण
कोरोना का संक्रमण होने पर इसके शुरुआती लक्षण जुकाम, खांसी और साधारण फ्लू जैसे होते हैं। धीरे-धीरे खांसी बढ़ने लगती है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। कोरोना में होने वाली खांसी साधारण किस्म की नहीं होती। इसमें खांसी लगातार होने लगती है और बलगम भी निकलता है। इससे दूसरों में भी इसका संक्रमण फैल सकता है। कई बार खांसी के दौरे पड़ने लगते हैं और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी हो जाता है।

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गले में खराश, सिरदर्द और डायरिया
कोरोना वायरस का संक्रमण होने के बाद इसके लक्षण 5 दिन के भीतर दिखाई पड़ने लगते हैं। कुछ मामलों में इसके लक्षण पहले भी दिखाई पड़ सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, वायरस का संक्रमण होने के 14 दिन के बाद भी इसके लक्षण सामने आ सकते हैं। कोरोना का संक्रमण होने के बाद गले में खराश, सिरदर्द और डायरिया की समस्या भी हो सकती है। कंपकंपी के साथ तेज बुखार भी आ सकता है। ऐसे लक्षण सामने आने पर तत्काल जांच करवाना बेहद जरूरी है। इस तरह का कोई लक्षण सामने आने पर मरीज को दूसरे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए और चेहरे को पूरी तरह से ढंक कर रखना चाहिए।

स्वाद और गंध महसूस नहीं होना
कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर कई लोगों को खाने में किसी तरह का कोई स्वाद महसूस नहीं होता है, वहीं उन्हें गंध का पता भी नहीं चलता है। पहले इस लक्षण के बारे में पता नहीं था। लेकिन बाद में डॉक्टरों ने कहा कि यह भी कोरोना वायरस के संक्रमण का एक प्रमुख लक्षण है। दरअसल, ऐसा तब होता है, जब संक्रमण काफी बढ़ जाता है और दिमाग की वे ग्रंथियां काम करना बंद कर देती हैं, जिनसे स्वाद और गंध की अनुभूति होती है। अगर ऐसा हो तो इसे कोरोना का गंभीर संक्रमण माना जाएगा।

लक्षणों में आ रहा है तेजी से बदलाव
कोरोना का संक्रमण होने पर जो लक्षण उभरते हैं, उनमें तेजी से बदलाव आ रहा है। इसलिए मरीजों के साथ डॉक्टरों के सामने भी मुश्किल पैदा हो रही है। हाल ही में पता चला कि कोरोना का संक्रमण होने पर कुछ लोगों की उंगलियों में घाव नजर आने लगे। उंगलियों में दरारें पड़ने लगीं और उनसे खून रिसने लगा। अभी हाल में ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस ने अलर्ट जारी करके कहा है कि छोटे बच्चों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों के दिल में सूजन, पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया के लक्षण तो दिख ही रहे हैं, साथ ही उनकी जीभ में छाले पड़ रहे हैं और हाथों में रैशेज हो रहा है। ऐसा 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा देखा जा रहा है। यह एक नई समस्या है, जिसे समझने की कोशिश में डॉक्टर लगे हैं। 

कोरोना से मौत
जब वायरस का संक्रमण काफी फैल जाता है और उस पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता तो फेफड़े के काम करना बंद कर देने, सेप्टिक शॉक, हार्ट फेल होने या दूसरे महत्वपूर्ण अंगों कार्यप्रणाली में रुकावट आ जाने से मौत का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज, किडनी और हार्ट के मरीजों में कोरोना का संक्रमण होने से मौत होने का खतरा रहता है। वैसे, 80 फीसदी मामलों में संक्रमण इलाज के बाद खत्म हो जाता है। कोरोना संक्रमण के 14 फीसदी मामले गंभीर पाए गए हैं और 6 फीसदी मामले खतरनाक साबित हुए हैं।  


 

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