इन 5 वजहों से हो सकती है दिल की बीमारी, समय रहते दें ध्यान

जीवनशैली में आ रहे बदलाव के कारण कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं, जिनमें दिल से जुड़ी बीमारियां प्रमुख हैं। अब कम उम्र के लोग भी हार्ट डिजीज के शिकार हो रहे हैं।

हेल्थ डेस्क। जीवनशैली में आ रहे बदलाव के कारण कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं, जिनमें दिल से जुड़ी बीमारियां प्रमुख हैं। अब कम उम्र के लोग भी हार्ट डिजीज के शिकार हो रहे हैं। कई बार इस बीमारी का समय रहते पता नहीं लग पाता या लोग इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते तो दिक्कत बढ़ जाती है। तनाव, हाइपर टेंशन, चिंता जैसी कई वजहें दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा भी कई कारण हैं, जिनसे दिल की बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। समय रहते अगर ध्यान दिया जाए तो इस बीमारी से बचाव संभव है। जानते हैं इस बीमारी के कुछ कारणों के बारे में।

1. देर तक काम करना
ज्यादा समय तक बैठ कर काम करने से भी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। हेल्थ रिसर्च जर्नल 'द लैंसेट' में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार जो लोग सप्ताह में 55 घंटे से ज्यादा काम करते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। एक जगह बैठे रह कर काम करने से ज्यादा समस्या पैदा होती है। शारीरिक मेहनत वाले काम से परेशानी नहीं होती। रिपोर्ट में बताया गया है कि कभी भी 10-12 घंटे तक लगातार काम नहीं करना चाहिए। सप्ताह में 45 घंटे या इससे कम काम करना सुरक्षित माना गया है।

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2. मोटापे की समस्या
आजकल ज्यादातर लोग बढ़ते वजन और मोटापे की समस्या से परेशान हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापा से दिल की बीमारियों का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। पेट पर चर्बी का जमना हार्ट के फंक्शन पर बुरा असर डालता है। जिन महिलाओं की कमर की माप 35 इंच से ज्यादा और पुरुषों की 40 इंच से ज्यादा है, उन्हें हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। इसलिए वजन को बढ़ने नहीं देना चाहिए।

3. दांतों और मसूड़ों के रोग
दांतों और मसूड़ों की बीमारी होने पर भी दिल के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। शोध से यह पता चला है कि ओरल हेल्थ का दिल से गहरा संबंध है। अगर मसूड़े खराब हैं और उनसे खून निकलता है तो इसके बैक्टीरिया रक्त में मिल जाते हैं, जिससे रक्त नलिकाओं में सूजन की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए मुंह के रोगों को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए।

4. हाइपर टेंशन
ज्यादा तनाव का दिल पर सीधा असर पड़ता है। जो लोग तनाव की समस्या से जूझ रहे हों, उन्हें दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा जो लोग ज्यादा गुस्सा करते हैं या चिड़चिड़े स्वभाव के होते हैं, उन्हें भी यह समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। गुस्से के दौरान दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं। अगर कोई बार-बार गुस्सा करता है और अशांत रहता है तो उसे दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। खास कर ज्यादा उम्र के लोगों को गुस्सा करने से बचना चाहिए। उन्हें खतरा ज्यादा होता है।

5. अकेलापन और तनाव
वैसे लोगों को भी दिल से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका ज्यादा रहती है जो अकेलापन और तनाव की समस्या से जूझ रहे हों। जो लोग लगातार अकेले रहते हैं, वे तनाव और अवसाद की समस्या के शिकार हो जाते हैं। इसका असर हार्ट पर बुरा होता है। बुहत-से लोगों को अकेले रहने की आदत हो जाती है। इससे बचना चाहिए। लोगों के बीच समय बिताने और सक्रिय रहने से उत्साह बना रहता है। इससे हार्ट भी हेल्दी रहता है।   

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