डॉक्टर बने भगवान! मौत के जोखिम के बीच 40 साल के शख्स की हार्ट ट्रांसप्लांट करके दी नई जिंदगी

डॉक्टर को यूं ही नहीं भगवान का दर्जा दिया गया है। मुंबई के एक अस्पताल में मौत के मुंह से बचकर निकल आया 40 साल का शख्स तो यही कह रहा होगा। अस्पताल के डॉक्टर ने एक ऐसे पेशेंट का हार्ट ट्रांसप्लांट किया जिसके मौत की जोखिम बहुत ज्यादा थी।
 

Nitu Kumari | Published : Nov 11, 2022 11:08 AM IST / Updated: Nov 11 2022, 04:43 PM IST

हेल्थ डेस्क. मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने वो कर दिखाया जिसके बाद उन्हें भगवान कहना गलत नहीं होगा। उन्होंने एक 40 साल के शख्स को जिंदगी दी।  डॉक्टर ने हार्ट ट्रांसप्लांट करके उसे बचा लिया। उन्हें सर्जरी करने में 5 घंटे का वक्त लगा। कई शारीरिक समस्या होने की वजह से उसकी मौत होने का खतरा काफी था, बावजूद इसके पेशेंट और डॉक्टर दोनों ने रिस्क लिया और सफल हुए।

कई ऑर्गेन फेल होने पर आईसीयू में कराया गया भर्ती
दो साल पहले पेशेंट का इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी ( Ischemic cardiomyopathy )के कारण हार्ट फेल हो गया था। जिसके बाद जनवरी में ट्रिपल-वेसल एंजियोप्लास्टी (triple-vessel angioplasty) हुई। इसके बाद हालत ठीक होने की बजाय और बिगड़ने लगी। सितंबर में कई ऑर्गेन फेल होने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया गाय। 

मरीज 100 मीटर भी नहीं चल पाता था
अस्पताल के मुताबिक  पेशेंट को दिल, फेफड़े, किडनी और लीवर की बीमारियों का हिस्ट्री था। जिसकी वजह से उसका वजन बहुत ही कम और पेट में पानी जमा होने की शिकायत थी। वो 100 मीटर से अधिक चल नहीं पाता था। नवी मुंबई स्थिति अपोलो हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था। शहर के एक अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल से ऑर्गेन मिलने के बाद पेशेंट की हार्ट सर्जरी की गई। पांच घंटे तक यह सर्जरी चली। अस्पताल के चीफ कार्डियक सर्जन और डायरेक्टर (हृदय फेफड़े के प्रत्यारोपण) डॉ संजीव जाधव ने बताया कि मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी। मृत्यु दर का उच्च जोखिम था।

दूसरे अहम अंग भी ठीक से काम करने शुरू कर दिए हैं
उन्होंने बताया कि 22 साल के युवक जिसकी मौत हो गई थी उसके अंग को पेशेंट को लगाया गया। हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद 40 साल के शख्स की दूसरे अहम अंग ने भी ठीक से काम करना शुरू कर दिया है। वह अच्छी तरह से हेल्दी हो रहा है।

जरूर करें ऑर्गेन डोनेट

बीमार या फिर रुके हुए दिल को हटाकर वहां पर एक स्वस्थ्य हार्ट लगा दिया जाता है। इस प्रोसीजर को हार्ट ट्रांसप्लांट कहा जाता है। कहते हैं कि एक मृत शरीर में कई लोगों की जान बचा सकता है। उसके लिए सिर्फ इतना करना है कि अपना ऑर्गेन डोनेट कर देना है। हर इंसान को चाहिए कि वो अपना ऑर्गेन डोनेट करें, ताकि उसके जाने के बाद किसी और को जिंदगी मिल सकें।

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