पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है अल्जाइमर, जानें क्या कहती है स्टडी

अल्जाइमर को लेकर हाल ही में एक अध्ययन हुआ, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि यह गंभीर बीमारी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को अपना शिकार बना सकती है। आइए आपको बताते हैं इस स्टडी के बारे में।

Deepali Virk | Published : Dec 15, 2022 2:55 AM IST

हेल्थ डेस्क : अल्जाइमर (Alzheimer) एक ऐसी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे इंसान अपनी याददाश्त होने लगता है। इसके साथ ही उसे दिमागी समस्याएं होने लगती हैं जिस वजह से मरीज बोलने, चलने, खाने पीने में भी एक स्थिति के बाद असमर्थ हो जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है। ऐसे में अल्जाइमर के ऊपर आए दिन अध्ययन होते रहते हैं। हाल ही में एमआईटी और स्क्रिप्स रिसर्च के शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर रोग को लेकर रिसर्च की और यह भी बताया कि महिलाएं इस स्थिति के प्रति अधिक संवेदनशील क्यों हैं...

कहां हुई स्टडी
14 दिसंबर, 2022 को साइंस एडवांस में प्रकाशित अध्ययन हुआ। यह अध्ययन एमआईटी में बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग, केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी के पोस्ट टेन्योर अंडरवुड-प्रेस्कॉट प्रोफेसर स्टीवन टैनेनबाम, पीएचडी के नेतृत्व में एक टीम के सहयोग से किया गया था। जिसमें  शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि जिन महिलाओं की दिमागी स्थिति से मृत्यु हो गई थी, उनके दिमाग में पूरक सी3 की मात्रा काफी अधिक थी, जो एक इन्फ्लेमेटरी इम्यून प्रोटीन था, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा था।

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पूरक सी3 से अल्जाइमर का खतरा
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक स्टुअर्ट लिप्टन, एमडी, पीएचडी, प्रोफेसर और स्टेप कहते हैं कि हमारे नए निष्कर्ष बताते हैं कि पूरक प्रणाली के एक घटक के रासायनिक संशोधन से अल्जाइमर ड्राइव करने में मदद मिलती है और समझा सकता है ये रोग मुख्य रूप से महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है।

क्या होता है अल्जाइमर
अल्जाइमर, डिमेंशिया का सबसे आम रूप है जो उम्र बढ़ने के साथ होता है, वर्तमान में अकेले यू.एस. में लगभग छह मिलियन लोग इससे प्रभावित है। आजतक वैज्ञानिक कभी भी पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि अल्जाइमर कैसे विकसित होता है। वैज्ञानिक भी पूरी तरह से नहीं जानते हैं कि लगभग दो-तिहाई मामलों में महिलाएं क्यों जिम्मेदार हैं। शोधकर्ता लिप्टन कहते हैं, "महिलाओं को अल्जाइमर होने की अधिक संभावना क्यों है, यह लंबे समय से एक रहस्य है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे परिणाम पहेली के एक महत्वपूर्ण टुकड़े सुलझाते हैं। 

निष्कर्ष
दरअसल, अध्ययन में लोगों के दिमागों में, वैज्ञानिकों ने 1,449 अलग-अलग प्रोटीन पाए जो एस-नाइट्रोसिलेटेड थे। इस तरह से अक्सर संशोधित किए गए प्रोटीनों में से कई ऐसे थे जो पहले से ही अल्जाइमर से जुड़े हुए हैं, जिनमें पूरक C3 भी शामिल है। चौंकाने वाली बात यह है कि पुरुष अल्जाइमर के दिमाग की तुलना में महिला अल्जाइमर के दिमाग में एस-नाइट्रोसिलेटेड सी3 का स्तर छह गुना अधिक था।

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