Research : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चल सकता है पता आंत के कैंसर का, इलाज में होगी सुविधा

Published : Jan 05, 2020, 10:58 AM IST
Research :  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चल सकता है पता आंत के कैंसर का, इलाज में होगी सुविधा

सार

चीन में एक रिसर्च से यह पता चला है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आंत के कैंसर का शुरुआती अवस्था में ही पता चल सकता है। इससे इस बीमारी के इलाज में आसानी हो सकती है। 

हेल्थ डेस्क। चीन में रिसर्चर्स ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित किया है, जिसके जरिए आंत के कैंसर का शुरुआती अवस्था में ही पता लगाया जा सकता है। यही नहीं, इस सिस्टम से यह भी पता चल सकता है कि बीमारी कितनी गंभीर है और इसके लिए किस तरह का इलाज बेहतर होगा। यह रिसर्च स्टडी 'जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन' में पब्लिश हुई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हाउझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हुई इस स्टडी से पता चला है कि नए तरीके से आंत के कैंसर के शिकार मरीजों के इलाज में काफी सुविधा होगी। उनका कहना है कि इस तरह के कैंसर का आसानी से इलाज किया जा सकता है, अगर शुरुआती अवस्था में ही इसका पता चल जाए और यह शरीर के दूसरे हिस्सों में नहीं फैले।

पहले कोलोनोस्कोपी से चलता था पता
पहले इस तरह के कैंसर का पता करने के लिए कोलोनोस्कोपी मेथड का यूज किया जाता था। इसे डायग्नोसिस का 'गोल्ड स्टैंडर्ड' माना जाता था। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तरीका काफी असुविधाजनक था और इसमें ज्यादा परेशानी होने की वजह से मरीज इस जांच से बचना चाहते थे। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मेथड है कारगर
साइंटिस्ट्स का कहना है कि उन्होंने जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मेथड की खोज उन्होंने की है, वह कैंसर का पता लगाने में ज्यादा कारगर है। इस मेथड में मेथेलिएशन मार्कर्स का पता लगाया जाता है, जो कैंसर के ट्यूमर्स के डीएनए में होने वाले केमिकल मोडिफिकेशन होते हैं।

801 मरीजों पर की गई स्टडी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आंतों के के कैंसर का पता लगाने के लिए 801 मरीजों पर स्टडी की गई। डॉक्टरों ने उनके ब्लड का प्लाज्मा लिया और उसका विश्लेषण कर एक डायगनॉस्टिक मेथड डेवलप किया। इस मॉडल से करीब-करीब 87.5 प्रतिशत मामलों में सही परिणाम सामने आए। शोधकर्ताओं का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मेथड आंत के कैंसर का शुरुआती स्टेज में पता लगा पाने में कारगर साबित हुआ है और जल्दी ही इस मेथड का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाने लगेगा। 

PREV

Recommended Stories

Heart Attack: इमरजेंसी में भी नहीं रुकेगी दिल की धड़कन, हार्ट अटैक में काम आएंगी 3 दवाएं
Holiday Depression: हॉलिडे डिप्रेशन क्या है? और इससे कैसे बचें? 7 आसान तरीके