मां बनना एक सुखद एहसास है। लेकिन इसे लेकर महिलाओं की कुछ प्लानिंग होती हैं। वो अनचाही प्रेग्नेंसी से बचना चाहती हैं। हालांकि अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए मार्केट में कई तरह के गर्भनिरोधक हैं। लेकिन सभी दवाइयों का सेवन इंटरकोर्स करने के बाद करना होता है। महिलाओं की चाहत होती है कि कोई ऐसी दवाई हो जो सेक्स से पहले खाया जाए और प्रेग्नेंसी से बचा जा सके।
हेल्थ डेस्क: महिलाओं के लिए बनी गर्भनिरोधक गोलियां हर किसी को सूट नहीं करती हैं। महिलाएं हर दिन दवाई खाकर बोर भी हो जाती हैं। वो चाहती है कि कोई ऐसा दवाई बने जिसे इंटरकोर्स से पहले खाया जाए और वो कुछ दिन तक काम करें। इस सोच को पूरा करने में वैज्ञानिक लगे हुए हैं। वो एक ऐसी दवाई बना रहे हैं जिसे एक बार खाने के बाद 3 से 5 दिन तक प्रेग्नेंट होने की चिंता से मुक्त हो सकते हैं।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इसे लेकर रिसर्च हुए। इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए गर्भनिरोधक दवाइयों में यूलिप्रिस्टल एसीटेट ट्रस्टेड सोर्स (यूए), लेवोनोजेस्ट्रेल और साइक्लो-ऑक्सीगैनीज-2 (COX-2) का इस्तेमाल अभी किया जाता है। रिसर्च में यूए और COX-2 मेलॉक्सिकैम को मिलाकर गर्भनिरोधक दवाई बनाई गई। यह नई गर्भनिरोधक दवा सुरक्षित और कारगर पाया गया। ये स्टडी 'बीएमजे सेक्सुअल ऐंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ' जर्नल में प्रकाशित हुई है। सेक्स से पहले इस दवा को खाने पर प्रेग्नेंसी के खत्म हो गए थे।
'सेक्सुअली एक्टिव हो तभी गर्भनिरोध का इस्तेमाल करें'
इस स्टडी को संचालित करने वाली स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.एरिका काहिल ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी कॉन्ट्रासेप्टिव जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। कई औरतों की चाहत होती है कि जब वो सेक्सुअली एक्टिव हो तभी गर्भनिरोध का इस्तेमाल करना पड़े। उन्हें रोज-रोज गर्भनिरोधक गोलियां ना खानी पड़े।
यूलीप्रिस्टल एसीटेट और मेलोक्सीकैम गर्भधारण की संभावना को कम करता है
उन्होंने आगे कहा कि इस एक्सपेरिमेंटल गर्भनिरोधक में शामिल यूलीप्रिस्टल एसीटेट और मेलोक्सीकैम उस समय ओव्यूलेशन को रोकता है जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है।ओव्यूलेशन से ठीक पहले महिलाओं का ल्यूटियल बढ़ा हुआ होता है। इस वक्त ओव्यूलेशन को रोकना बहुत मुश्किल होता है और प्रेग्नेंट होने के चासेंज सबसे ज्यादा होता है।
9 में से 6 महिलाओं पर कारगार हुई दवा
इस स्टडी में 18 से 35 साल की 9 महिलाओं के दो महीने के पीरियड्स पर ध्यान दिया गया। जब महिलाओं का ल्यूटिल बढ़ा हुआ था तब उन्हें 30 ग्राम यूलीप्रिस्टल एसीटेट और 30 ग्राम मेलोक्सीकैम की एक खुराक दी गई। इसके बाद शोधकर्ताओं ने इन सभी महिलाओं के हार्मोन्स को मापा और ल्यूटियल वृद्धि की पहचान करने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन का रिव्यू किया।
महिलाएं खुलकर सेक्स लाइफ को कर सकती हैं एन्जॉय
इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि दोनों दवाइयों को एक साथ लेने से महिलाओं में ओव्यूलेशन होता है या फिर रूक जाता है। स्टडी में पाया गया कि 9 में से छह महिलाओं का ओव्यूलेशन रूक गया था। रिसर्चर्स का कहना है कि ऑन डिमांड कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स प्रेग्नेंसी को रोकने में फायदेमंद हो सकती है। लेकिन इसमें अभी और रिसर्च करने की जरूरत है। यानी आने वाले वक्त में महिलाओं को ऐसे पिल्स मिल सकते हैं। इससे महिलाएं बिना प्रेग्नेंट होने के डर के सेक्स लाइफ को एन्जॉय कर सकती हैं।
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