STUDY: दिन में झपकी लेंगे तो रहेंगे स्वस्थ, हार्ट अटैक का खतरा होगा कम

स्टडी से पता चला है कि दिन में झपकी लेने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 10, 2019 6:02 AM IST / Updated: Sep 10 2019, 11:35 AM IST

हेल्थ डेस्क। अगर आप दिन में  थोड़ी देर के लिए झपकी लेते हैं, तो इससे आपको सिर्फ ताजगी ही नहीं मिलती, बल्कि दिल का दौरा या स्ट्रोक का जोखिम भी कम हो जाता है। एक नई स्टडी से  यह पता चला है।

जरूरी नहीं रोज लें झपकी
वैसे लोग जो नौकरी या बिजनेस करते हैं, उन्हें दिन में झपकी लेने का मौका नहीं मिलता है। ऑफिस में लोग इतने बिजी होते हैं कि चाह कर भी झपकी नहीं ले सकते और ऐसा करना गलत भी माना जाता है। लेकिन वीकेंड में आप ऐसा कर सकते हैं। स्टडी से पता चला है कि हफ्ते में एक या दो बार भी दिन में कछ देर के लिए झपकी लेने से सेहत पर बढ़िया असर होता है। 

पहले भी हो चुकी है कई स्टडी
इसे लेकर पहले भी कुछ स्टडी हो चुकी है, जिसमें पाया गया कि दिन में जो लोग कुछ देर के लिए सो जाते हैं, उनका स्वास्थ्य उन लोगों की तुलना में बेहतर रहता है जो दिन में कभी नहीं सोते। इस संबंध में पहले स्टडी 2003-2006 के बीच हुई थी।

'हार्ट' जर्नल में पब्लिश हुई है स्डडी
फिलहाल हुई स्टडी की रिपोर्ट 'हार्ट' जर्नल में पब्लिश हुई है। इसमें रिसर्चर्स ने स्विट्जरलैंड के लॉजेन के 3462 लोगों को शामिल किया। इन लोगों की आयु 35 से 75 वर्ष के बीच थी। इसमें यह देखा गया कि ये लोग दिन में और एक सप्ताह में कितनी बार झपकी लेते हैं और इनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से कितने लोग प्रभावित हैं।   

कब हुआ पहला चेकअप
स्टडी के दौरान इन लोगों का पहला चेकअप 2009 और 2012 के बीच हुआ। इसके बाद एक सप्ताह के दौरान उनकी नींद और झपकी लेने के बारे में जानकारी एकत्र की गई। फिर उनके स्वास्थ्य पर 5 वर्षों तक नजर रखी गई।

क्या कहा स्डडी में शामिल लोगों ने 
स्टडी में शामिल करीब आधे से अधिक लोगों ने (58 प्रतिशत) ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह के दौरान झपकी नहीं ली थी। पांच में से एक ने कहा कि वे सप्ताह में एक से दो बार झपकी लेते हैं। 10 में से एक ने कहा कि वे हफ्ते में तीन से पांच बार दिन में झपकी लेते हैं, जबकि 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने सप्ताह में छह से सात बार झपकी ली।

क्या चला पता
ऐसे लोग जो सप्ताह में में एक बार भी दिन में झपकी नहीं लेते थे और स्मोकिंग करते थे, वे उन लोगों से अधिक वजन के थे और रात में ज्यादा सोते थे, जो दिन में झपकी लेते थे। उनकी नींद भी रात में कई बार खुल जाती थी। ऐसा होने से नींद में सांस लेने की प्रक्रिया में बाधा आती है और इसका हार्ट पर बुरा असर होता है। स्टडी के दौरान, उन  प्रतिभागियों में 155 गंभीर हृदय रोग के लक्षण पाए गए, जो दिन में कभी झपकी नहीं ले पाते थे। उन लोगों में जो सप्ताह में दो बार झपकी ले लेते थे, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम पाया गया जो बिल्कुल झपकी नहीं लेते थे।

दिन में झपकी लेने से कम होता है डिप्रेशन का खतरा
स्टडी से यह भी पता चला कि जो लोग दिन में झपकी लेते हैं, उनमें अवसाद और और रात की नींद में बाधा आने की समस्या कम होती है। वहीं, रात में  6 घंटे तक सोने के बाद भी अधिक उम्र के लोगों में डिप्रेशन और एपिनिया यानी नींद में बाधा आने की समस्या होती है।

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