भीषण गर्मी से बच्चों को बचाने के करें ये उपाय, किड्स को लुभाती हैं ये चीजें

Take Care In Summer : गर्मियों में बच्चों को पेट संबंधी कई समस्याएं हो जाती हैं, इसका मुख्य वजह उनकी  पाचन शक्ति कमजोर होना होती है। खाना हजम होने में काफी समय लगता है। ऐसे में बच्चों को टायफाइड, डायरिया, पीलिया ( typhoid, diarrhea, jaundice) और होने की संभावना बहुत तेजी से बढ़ती है। 

Rupesh Sahu | Published : Apr 27, 2022 5:41 PM IST / Updated: Apr 27 2022, 11:12 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क,  Take Care In Summer : गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। चढ़ते पारा की सबेस ज्याद असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस समय बच्चोंसे लेकर किशोरों को भी विशेष देखभाल की जरुरत होती है।  बच्चे पूरा दिन खेलकूद में बिताते हैं, उन्हें खाने पीन का भी होश नहीं होता, ऐसे में अभिभावकों को बच्चों का खास ध्यान रखना होता है। बच्चों को कूल और डिहाइड्रेटेड होने से बचाने के लिए नीचे बताए जा रहे उपायों को आजमाया जा सकता है। 

बीमारियों से बचाव जरुरी 
गर्मियों में बच्चों को पेट संबंधी कई समस्याएं हो जाती हैं, इसका मुख्य वजह उनकी  पाचन शक्ति कमजोर होना होती है। खाना हजम होने में काफी समय लगता है। ऐसे में बच्चों को टायफाइड, डायरिया, पीलिया ( typhoid, diarrhea, jaundice) और होने की संभावना बहुत तेजी से बढ़ती है। गर्मियों में बच्चों को हल्का-फुल्का भोजन ही दें, इसका ध्यान रखें कि बच्चे  बाजार से कुछ भी तली भुनी चीजें ना खाएं। छुट्टियां होने की वजह से कई सारे बच्चे मिलकर पार्टी का प्लान करते रहते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे इस तरह की गतिविधियों से दूर रहें। 

खेलते समय पेट ना रहे खाली
तेज गर्मी में बच्चों का ज्यादा देर खेलने से वो डिहाइड्रेड हो सकते हैं। खेलते समय बच्चों को भूख-प्यास का ख्याल नहीं रहता है। अभिभावक बच्चों को धूप में खलेने की परमिशन बिल्कुल ना दें, इनडोर में खलेत समय उन्हें कुछ ना कुछ खाने - पीने के लिए देते रहें। 

इन लक्षणों का ना करें इग्नोर
इस भीषण गर्मी में शरीर का तापमान में अंतर आने की वजह से कई सारी बीमारियां घेर लेती हैं। अक्सर बच्चे कूलर या एसी में रहने के बाद धूप में चले जाते हैं । इससे वो बीमार पड़ जाते हैं। गर्मियों में वायरल फीवर, डायरिया और पेचिस की समस्या भी आम होती है। बच्चों में फीवर आते ही तत्काल डॉक्र को दिखाएं, हाथ-पैरों में दर्द होना, गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर कोविड टेस्ट कराना ना भूलें। बच्चे यदि वैक्सीनेशन के लिए सक्षम हैं तो जल्द से जल्द उनका टीकाकरण करा दें। बच्चों का समय-समय पर डॉक्टर से परीक्षम कराते रहें। 
 

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