पोर्न एडिक्शन के ये हैं संकेत, इन 5 तरीकों से खुद को रखें दूर

वैसे तो पोर्न देखना बुरा नहीं है, लेकिन अगर आप इसे हद से ज्यादा देख रहे हैं या फिर इसे देखने के लिए अपना काम छोड़ दे रहे हैं तो फिर चिंता का विषय हो सकता है। ये ना सिर्फ आपको मानसिक रूप से परेशान करेगा बल्कि गिल्ट में भी डाल देगा। हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे पोर्न एडिक्शन से बचें।
 

Nitu Kumari | Published : Oct 21, 2022 4:25 AM IST

हेल्थ डेस्क. मैं इन दिनों का काफी परेशान हूं। जब भी मोबाइल खोलता हूं बस एडल्ट साइट पर चला जाता हूं। इसे देखने की ऐसी लत लग गई है कि ऑफिस का काम भी सही तरीके से नहीं कर पाता हूं। ये कहना है 26 साल के राहुल (बदला हुआ नाम) का। क्या करूं समझ नहीं आ रहा है। ये सिर्फ राहुल की कहानी नहीं हैं। पॉर्न एक ऐसी चीज है जिसे हर युवा देखना पसंद करते हैं। चोरी छुपे उनके मोबाइल पर एडल्ट साइट खुलता ही है। भले ही वो इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करते हो। हालांकि इसमें कुछ गलत नहीं है। गलत तब हो जाता है जब राहुल जैसी स्थिति बन जाती है।

पोर्न से लव और हेट जैसा रिश्ता होता है। हम सोचते हैं कि आज के बाद इसे कभी नहीं देखेंगे और फिर हम वहां चले ही जाते हैं। डिजिटल स्पेस में यह आसानी से मिलने वाली सामग्री है। हालांकि कई बार ये आपके सेक्स लाइफ को फायदा भी पहुंचाता है। लेकिन कब यह एडिक्शन बन जाता है इसका पता नहीं चलता। इसलिए इसे समझना जरूरी है। अगर आपकी डेली रुटीन, सेक्स लाइफ और नींद को पोर्न देखने की आदत प्रभावित करती है तो समझ लीजिए कि आप इसके एडिक्टेड हो रहे हैं। 

कुछ लोग तो पोर्न को रोमांच के लिए देखते हैं तो कुछ लोग इंटिमेट  हेल्थ की जानकारी इक्ट्ठा करने के लिए भटकते हैं। जब यह एडिक्शन बन जाता है तो मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगता है। हाल ही में इंस्टाग्राम पर डॉ. वैभवी शर्मा ने पोर्न एडिक्शन के बारे में कई जानकारी शेयर की है। उन्होंने कहा कि पोर्न एडिक्शन को मेंटल डिसऑर्डर में शामिल तो नहीं किया जा सकता है। लेकिन आपके द्वारा पोर्न साइट देखना एडिक्शन में तो नहीं बदल गया है, इसका पता जरूर लगाना चाहिए।'

एडिक्शन का कैसे करें पता

डॉ वैभवी शर्मा बताती हैं कि पोर्न एडिक्शन को मेंटल डिसऑर्डर नहीं कहा जा सकता है। लेकिन आपका इसे देखना एडिक्शन में तो नहीं बदल गया है इसका पता लगाना जरूरी है। पहला अपने व्यवहार का पता लगाना जरूरी है, इससे आगे समस्या हो सकती है। दूसरा अनचाही आदतों या व्यवहार को कम करना होगा। तीसरा  उन आदतों को हमेशा के लिए खत्म करना होगा।

कब है पोर्नोग्राफी पर ध्यान देने की जरूरत
पोर्नोग्राफी की समस्या हमेशा से रही है। यह विवादित भी रहा है। यह पर्सनल प्रिफरेंस और पर्सनल चॉइस पर निर्भर करता है। 
आपकी पोर्न देखने की आदत समय के साथ बढ़ती जा रही है।
देखने के बाद खुद को गिल्ट में पाते हैं।
जिम्मेदारियों से भागने लगते हैं और नींद को खराब करने लगते हैं
पार्टनर से आप यह उम्मीद करने लगते हैं कि न चाहते हुए भी पोर्न फैंटेसी में वे आपका साथ दें।

पोर्न एडिक्शन से कैसे बचें
किसी दोस्त से कहें कि वे आपके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर एंटी पोर्न सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर दें। जिसका पासवर्ड आपको ना बताएं।
अगर बहुत ज्यादा पोर्न देखने की तलब हो रही है तो किसी दूसरे काम में खुद को बिजी कर लें।
इस बात को हमेशा याद रखें कि इसकी वजह से आपकी जिंदगी कितनी प्रभावित हुई है।
पोर्नोग्राफी के नुकसान को किसी जर्नल या डायरी में लिख लें। इसे वक्त-वक्त पर पढ़ते रहें।
अगर कंट्रोल नहीं हो रहा है तो किसी एक्सपर्ट से बात करें और सलाह लें।

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