वैज्ञानिकों के अनुसार हरा और नीला रंग आंखों को सुकून देता है। हमारी आंखों का जैविक निर्माण इस तरह है कि यह लाल, हरा और नीला रंग आसानी से देख पाती हैं।
हेल्थ डेस्क. कोरोना संक्रमण के कारण लोग हॉस्पिटल जा रहे हैं। ऐसे में आपने देखा होगा कि डॉक्टर अक्सर हरे और नीले रंग की ड्रेस पहने हुए दिखाई देते हैं। डॉक्टर किसी मरीज का ऑपरेशन करते जाते हैं, तो कह हरे या नीले रंग का एंप्रिन पहनते हैं। क्या उन्हें देखकर कभी आपके मन में यह सवाल आया कि आखिर ऐसा क्यों? क्यों डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ऑपरेशन के समय नीले और हरे रंग के कपड़े पहनते हैं।
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यहीं आपने यह भी देखा होगा कि मेडिकल स्टॉफ यानी नर्स का ड्रेस कोड नीले या हरे रंग का कपड़ा ही होता है। अगर आपको नहीं पता है कि ऐसा क्यों है। आज हम आपको बता रहे हैं किस कारण से डॉक्टर ऑपरेशन के समय हरे या नीले रंग कया एंप्रिन पहनते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार हरा और नीला रंग आंखों को सुकून देता है। हमारी आंखों का जैविक निर्माण इस तरह है कि यह लाल, हरा और नीला रंग आसानी से देख पाती हैं। सूरज की रोशनी या चमकदार चीज को देखने से जब आंखें चौधिया जाती हैं। तब हरा रंग देखने से उन्हें सुकुन मिलता है। इसलिए डॉक्टर के अलावा सामान्य कामकाज में अस्पताल के कर्मचारी भी हरा या नीला रंग पहनते हैं। इतना ही नहीं अस्पताल के पर्दे भी इन्हीं रगों के होते हैं और मास्क भी, जिससे मरीजों की आंखों को आराम मिल सके।
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कब हुई शुरुआत
कहा जाता है कि पहले डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ हमेशा सफेद कपड़े पहनते थे, लेकिन 1914 में एक डॉक्टर ने ऑपरेशन के वक्त हरे रंग के कपड़े पहनकर इस परंपरा को बदल दिया। ऐसा भी कहा जाता है, ऑपरेशन के वक्त खून और मानव के शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर डॉक्टर तनाव में आ सकते हैं और हरा रंग मानसिक तनाव में राहत देता है।