इस साल 28 सितंबर को 16 वां विश्व रेबीज दिवस मनाया जा रहा। इस साल की थीम 'रेबीज: वन हेल्थ, जीरो डेथ्स' लोगों और जानवरों दोनों के साथ पर्यावरण के संबंध को उजागर करेगी।
हेल्थ डेस्क: रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों के काटने या नोचने से हो सकती है। इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस भयानक बीमारी को हराने के लक्ष्य से हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day 2022) मनाया जाता है। इस दिन लुई पाश्चर की मृत्यु भी हुई थी, जो फ्रांसीसी रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीवविज्ञानी थे। उन्होंने पहला रेबीज टीका बनाया था। आज रेबीज डे पर हम आपको बताते हैं, इस बीमारी के बारे में और किन जानवरों से फैलती है...
रेबीज क्या है
रेबीज एक वायरल बीमारी है। यह लोगों और पालतू जानवरों में फैल सकता है यदि उन्हें कोई पागल जानवर काट या खरोंच लें। रेबीज वायरस इंसान या जानवर की तंत्रिका तंत्र को संक्रमित करता है। यदि किसी व्यक्ति को रेबीज के संपर्क में आने के बाद उचित इलाज नहीं मिलता तो वायरस दिमागी बीमारी का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मौत भी हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल करीब 20,000 लोग जान रेबीज के चलते चली जाती है।
इन जानवरों के काटने से होता है रेबीज
रेबीज ज्यादातर जंगली जानवरों जैसे चमगादड़, बिल्ली, बंदर, नेवले, सियार, रैकून, झालर और लोमड़ियों में पाया जाता है। कुत्ते अभी भी रेबीज का मुख्य कारण है और दुनिया भर के लोगों में अधिकांश रेबीज मौतें कुत्ते के काटने से होती हैं।
रेबीज के लक्षण
बुखार
सिरदर्द
जी मिचलाना
उल्टी
घबराहट
चिंता
भ्रम
खाना निगलने में कठिनाई
अत्यधिक लार आना
पानी निगलने में कठिनाई
डर
अनिद्रा
आंशिक पैरालिसिस
रेबीज से बचाव
रेबीज से बचने के लिए अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण जरूर करवाएं। वन्य जीवन से दूर रहे और लक्षण शुरू होने से पहले संभावित जोखिम के बाद मेडिकल ट्रीटमेंट लेकर रेबीज को रोका जा सकता है। किसी जानवर के काटने के 72 घंटे के अंदर इलाज करवाएं। 72 घंटे के अंदर आपको वैक्सीन या एआरवी का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
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