India@75: कैसे काली मिर्च के बहाने भारत में घुसे अंग्रेज, प्लासी से 36 साल पहले भी हुआ था भीषण युद्ध

भारत में अंग्रेजों की एंट्री कैसे हुई यह इतिहास की किताबों में दर्ज है लेकिन वाकई में उस वक्त क्या हुआ था, यह जानना भी जरूरी है। 
 

नई दिल्ली. गरजते हुए अरब सागर के पास भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर एंचुथेंगु नामक एक गांव था, जहां लोग मछली पकड़ने का काम करते थे। वहीं विशाल पत्थरों वाला किला भी था। 18वीं शताब्दी का दूसरे दशक में यह किला यहां की सत्ता का पर्याय था। तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके में एचुथेंगु किला बॉम्बे के बाद अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक किला था। यह तब भी मौजूद था जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में केवल व्यापार के इरादे से आई थी और बाद में भारत पर अपना राजनीतिक आधिपत्य स्थापित कर लिया।

डचों को भगाने के लिए अंग्रेजों को अनुमति
कहा जाता है कि अत्तिंगल की रानी द्वारा अंग्रेजों को काली मिर्च खरीदने का एकाधिकार दिया गया और उन्हें भारत में व्यापार की अनुमति दी गई। उन्होंने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वे डचों के पंख कुतरना चाहती थीं। लेकिन अंग्रेज जब किले में दाखिल हुए तो उन्होंने स्थानीय लोगों पर आतंक शुरू कर दिया। अंग्रेज लोगों पर हमला भी करने लगे। यहां के हिंदू और मुसलमान समान रूप से अंग्रेजों से अपमान का सामना करते थे। वे यह सब सहन करने में असमर्थ और सही मौके की तलाश कर रहे थे। तभी कुछ गुस्साए सामंतों ने एक संगठन तैयार किया। 

Latest Videos

आखिर क्या हुआ था प्लासी से पहले
14 अप्रैल 1721 को ईस्ट इंडिया कंपनी के स्थानीय प्रमुख विलियम गिफोर्ड 140 सैनिकों और दासों के साथ वामनपुरम नदी में नौकायन कर रहे थे। वे रानी से मिलने और उन्हें उपहार देने जा रहे थे। लेकिन एक बार जब कंपनी पार्टी महल के अंदर थी तो उन्हें आश्चर्यजनक तौर पर  बड़े हमले का सामना करना पड़ा। यह लड़ाई घंटों तक चली और एक भी अंग्रेज जीवित नहीं बचा। तब वामनपुरम नदी खून से लाल हो गई थी। जिफोर्ड को भी बांधकर नदी में फेंक दिया गया। यह घटना प्लासी युद्ध से 36 साल पहले हुई। बाद में प्लासी के युद्ध ने अंग्रेजों को भारत में स्थापित कर दिया। हालांकि यह घटना हमें बताती है किस तरह से संगठित होकर किसी भी खतरे का मुकाबला किया जा सकता है। 

 

यह भी पढ़ें

India@75: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का वह किस्सा, जब अमेरिकी अदालत में तड़तड़ाई गोलियां, भारतीयों का मुकदमा

Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'