झारखंड: BJP की सत्ता बचाने उतरे हैं रघुवर दास, इस बार 65 सीटों को जीतने का लक्ष्य

बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए जुट गई है जबकि विपक्ष एक साथ मिलकर बीजेपी को मात देना चाहते हैं तो कुछ क्षेत्रीय दल किंगमेकर बनने की चक्कर में हैं

Asianet News Hindi | Published : Nov 19, 2019 11:57 AM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए जुट गई है। जबकि  जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी एक साथ मिलकर बीजेपी को मात देना चाहते हैं तो कुछ क्षेत्रीय दल किंगमेकर बनने की जुगत में हैं। झारखंड के विधानसभा चुनाव पांच चरण में होंगे और नतीजे 23 मई को आएंगे। बीजेपी मे इस बार 65 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।

पहला चरण: बीजेपी को अपने दुर्ग बचाने की चुनौती

झारखंड के सियासी संग्राम में पहले चरण की 13 सीटों पर करीब 190 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पहले चरण की चतरा (एससी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), लोहरदगा (एसटी), मनिका (एसटी), लातेहार (एसटी), पांकी, डालटगनंज, विश्रामपुर, छतरपुर (एससी), हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर सीट पर 30 अक्टूबर को वोटिंग होगी। ये सभी सीटें नक्सल प्रभावित इलाके की हैं।

2014 में पहल चरण की 13 सीटों में से बीजेपी ने 7 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस को 2, जेवीएम को 1,जेवीएम को एक, बसपा को एक और 1 सीट पर जेवीपी से भानुप्रताप शाही ने जीती थीं। पहले दौर में बीजेपी प्रत्याशी को पार्टी के बागी और एनडीए से नाता तोड़कर अलग मैदान में उतरी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) से कड़ी चुनौती मिल रही है।

दूसरा चरण: जेएमएम और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर

झारखंड विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण की 20 सीटों पर 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में बहरागोड़ा, घाटशिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी), जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), सिमडेगा (एसटी) और कोलेबिरा (एसटी) शामिल है। इस चरण में मुख्यमंत्री रघुवर दास के सामने अपनी सीट बचाने के साथ-साथ जेएमएम के दुर्ग में सेंध लगाने की चुनौती है।

दूसरे चरण की जिन 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनके नतीजे अगर 2014 के चनाव के लिहाज से देखें तो जेएमएम और बीजेपी के बीच बराबर की टक्कर रही है। 20 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं तो जेएमएम भी 8 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। बीजेपी की सहयोगी रही एजेएसयू को दो सीटें और दो सीटें कांग्रेस को मिली थी। हालांकि कांग्रेस और जेएमएम अलग-अलग चुनाव लड़ी थी।

तीसरा चरण: बीजेपी का मजबूत दुर्ग

तीसरे चरण की 17 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होंगे। तीसरे चरण में कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया (एससी), धनवार, गोमिया, बेरमो, ईचागढ़, सिल्ली, खिजरी (एसटी), रांची, हटिया और कांके (एससी) शामिल है।

तीसरे चरण की 17 विधानसभा सीटों को अगर 2014 के नतीजे से देखें तो बीजेपी का पल्ला भारी रहा था। 17 सीटों में से बीजेपी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। एक सीट बीजेपी की सहयोगी एजेएसयू को मिली थी। जबकि,  तीन सीटें जेएमएम, दो सीटें कांग्रेस और एक सीट भाकपा माले ने जीती थी।

चौथा चरण: बीजेपी ने विपक्ष का सफाया कर दिया था

चौथे चरण में 15 विधानसभा सीटों पर 16 नवंबर को मतदान होंगे। इसमें मधुपुर, देवघर (एससी), बगोदर, जमुआ (एससी), गांडेय, गिरिडीह, डुमरी, बोकारो, चंदनक्यारी (एससी), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, टुंडी और बाघमारा सीट शामिल है। यह पूरा इलाका बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। ऐसे में बीजेपी के लिए चौथे चरण में अपना किला बचाए रखने की चुनौती होगी।

2014 के विधानसभा चुनाव में चौथे चरण की इन 15 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 12 सीटें जीतकर विपक्ष को धराशायी कर दिया था। एक सीट बीजेपी की सहयोगी रही एजेएसयू जीती थी। जबकि, जेएमएम को एक सीट और एक सीट मासस को मिली थी। ऐसे में विपक्ष के लिए इस चरण में खोने के बहुत कुछ नहीं है।

 पांचवा चरण: पिछली बार बीजेपी पर हावी था विपक्ष

पांचवें चरण और अंतिम चरण की 16 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होंगे। इस दौर में राजमहल, बोरियो (एसटी), बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी), शिकारीपाड़ा (एसटी), नाला, जामताड़ा, दुमका (एसटी), जामा (एसटी), जरमुंडी, सारठ, पोड़ैयाहाट, गोड्डा औऱ  महागामा सीट शामिल है।

2014 में इन 16 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को महज 6 सीटें मिली थी। जबकि, जेएमएम को 6 सीटें, कांग्रेस को 2 सीटें, जेवीएम को एक सीट और एक सीट एजेएसयू जीतने में कामयाब रही थी।

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