झारखंड विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर सियासी जंग फतह करना भाजपा के लिए चुनौती

इस बार बदले हुए समीकरण में पिछले बार एक साथ लड़ने वाले बीजेपी और जेएमएम एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोककर मैदान में हैं वहीं, विपक्षी जो पिछले चुनाव में अलग-अलग लड़ा थे, इस बार एकजुट होकर चुनावी मैदान में हैं
 

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि इस बार बदले हुए समीकरण में पिछले बार एक साथ लड़ने वाले बीजेपी और जेएमएम एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोककर मैदान में हैं। वहीं, विपक्षी जो पिछले चुनाव में अलग-अलग लड़ा था, इस बार एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरा है इसके चलते बीजेपी के लिए जहां अपनी सीटों को बचाने की चुनौती है। वहीं विपक्ष को अपनी सीटें बढ़ने की उम्मीदें नजर आ रही हैं ऐसे में देखना है कि चुनावों में कौन किसे जीत मिलती है।

हाई प्रोफाइल सीट बनी जमेशदपुर पूर्वी क्षेत्र

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झारखंड की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बनी जमेशदपुर पूर्वी क्षेत्र पर सभी की निगाहें हैं। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय इस बार जमशेदपुर पूर्वी सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर गौरव बल्लभ को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में यह सीट रघुवर दास के लिए चुनौती बन गई है यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रघुवर दास के जीत के लिए चुनावी जनसभा करनी पड़ी।

वहीं, बीजेपी और आजसू के अलग-अलग चुनाव लड़ने के चलते कई सीटों पर सियासी समीकरण गड़बड़ा गए हैं। इस बार तमाड़ सीट का गणित आजसू के लिए बिगड़ता नजर आ रहा। यहां पर आजसू के सीटिंग विधायक विकास मुंडा पाला बदल कर जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

जगन्नाथपुर सीट से जय भारत समानता पार्टी की गीता कोड़ा विजयी हुई थी। इसके बाद वह कांग्रेस के टिकट पर सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर सांसद बन गई हैं। कोलेबिरा सीट पर झारखंड पार्टी के एनोस एक्का विजयी हुए थे। अदालत से सजा सुनाये जाने के कारण उनकी सदस्यता चली गयी उप चुनाव में यह सीट कांग्रेस नमन विक्सल कोंगाड़ी ने जीता।

नए चेहरे चुनावी मैदान में 

पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक स्थितियां बदल गयी है। कई विधायक दल-बदल कर दूसरे दल से चुनाव मैदान में हैं, तो कई का टिकट काटा गया है। बीजेपी ने अपने मौजूदा आठ सीटों में से चार सीट और जेएमएम ने तीन सीट पर नया चेहरा को मैदान में उतारा है।

जेएमएम ने अपने आठ विधायकों में से कुणाल षाड़ंगी पार्टी छोड़ कर बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। इन्हें बीजेपी छोड़ कर जेएमएम का दामन थामने वाले समीर मोहंती चुनौती दे रहे हैं। वहीं जेएमएम ने चक्रधरपुर के विधायक शशि भूषण सामड़ और तोरपा विधायक पौलुस सुरीन का टिकट काटा है। पौलुस सुरीन इस बार जहां निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं वहीं विधायक शशिभूषण सामद जेवीएम के प्रत्याशी हैं। इन सारी सीटों पर अपनों से ही मुकाबला करना पड़ रहा है।

बीजेपी के नये चेहरों को टिकट 

जेएमएम के तीन नये चेहरों में समीर मोहंती, सुखराम उरांव और सुदीप गुड़िया शामिल हैं। बीजेपी के खाते में रही आठ मौजूदा सीटों में से चार विधायकों का टिकट काटा गया है। इसमें मंत्री रहे सरयू राय, लक्ष्मण टुडू,  गंगोत्री कुजूर व विमला प्रधान शामिल हैं इनकी जगह बीजेपी ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है। इसमें देवेंद्र सिंह, देवकुमार धान, सर्वानंद बेसरा और लखन मार्डी शामिल हैं।

स्पीकर दिनेश उरांव, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा व  विधायक मेनका सरदार फिर से चुनाव मैदान में हैं जुगसलाई से मंत्री रामचंद्र सहिस एक बार फिर से आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कोलेबिरा सीट से एक बार फिर कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बीच बीजेपी और जेएमएम के लिए अपनी सीटें बचाए रखने के साथ-साथ बढ़ाने की चुनौती है। जबकि, सबसे बड़ी चिंता बीजेपी को है, यही वजह है कि पार्टी के सारे दिग्गज इस इलाके में जान लगाए हुए थे।

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