झारखंड विधानसभा चुनाव: तीसरे चरण में सबसे ज्यादा महिला प्रत्याशी, मैदान में कई दिगग्ज

झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की 17 सीटों पर कल यानी 12 दिसंबर को मतदान होंगे इस तीसरे चरण में दिग्गज नेताओं के साथ-साथ महिलाओं उम्मीदवारों के सियासी भविष्य का फैसला है
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2019 6:37 AM IST / Updated: Dec 12 2019, 12:45 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की 17 सीटों पर कल यानी 12 दिसंबर को मतदान होंगे। इस तीसरे चरण में दिग्गज नेताओं के साथ-साथ महिलाओं उम्मीदवारों के सियासी भविष्य का फैसला है। तीसरे चरण की 17 विधानसभा सीटों पर कुल 309 उम्मीदवार मैदान में है, जिनमें से 277 पुरुष और 32 महिला प्रत्याशी हैं। झारखंड के इसी चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा महिलाएं किस्मत आ रही हैं। इसीलिए आधी आबादी के लिहाज से यह चरण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बता दें कि झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों पांच चरण में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण की 13 सीटों को लिए कुल 189 उम्मीदवार थे जिनमें से 15 महिला और 174 पुरुष थे। दूसरे चरण की 20 सीटों को लिए कुल 260 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जिनमें 29 महिला और 231 पुरुष शामिल थे। तीसरे चरण की 17 सीटों के लिए 32 महिलाएं मैदान में है। जबकि, चौथे चरण के 16 सीटों के लिए कुल 221 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं जिनमें 23 महिला और 198 पुरुष हैं। इस तरह से महिला उम्मीदवारों की ज्यादा सबसे संख्या तीसरे चरण में है। इनमें से कई दिगग्ज महिलाएं भी किस्मत आजमा रही हैं।

कोडरमा सीट पर बीजेपी की नीरा यादव

रघुवर दास सरकार की शिक्षा मंत्री नीरा यादव मौजूदा समय में कोडरमा सीट से विधायक हैं और एक बार फिर बीजेपी ने उन्हें इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। आरजेडी के गढ़ माने जाने वाले कोडरमा सीट पर पहली बार नीरा यायदव ने 2014 के चुनाव में बीजेपी के कमल खिलाने में कामयाब रही हैं। पिछली बार जिस अन्नपूर्णा देवी को नीरा यादव ने परास्त किया था, इस बार वे बीजेपी के साथ हैं, जो नीरा यादव को जिताने के लिए पसीना बहा रही हैं। लेकिन आरजेडी ने जिस तरह नीरा यादव के खिलाफ अमिताभ कुमार को उतारा है और उन्हें कांग्रेस और जेएमएम का समर्थन हासिल है, इससे बीजेपी के लिए इस सीट पर जीत दोहराना आसान नहीं नजर आ रहा है।

रांची सीट पर महुआ माजी

रांची विधानसभा सीट से जेएमएम ने महुआ माजी मैदान में हैं। वे दूसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं। 2014 के चुनाव में भी वे जेएमएम की ही प्रत्याशी थीं और उन्हें बीजेपी के सीपी सिंह से पराजित हुई थीं। एक बार फिर महुआ माजी का मुकाबला पांच बार के जीते हुए सीपी सिंह से हो रहा है। महुआ माजी झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं हैं और वे एक प्रसिद्ध साहित्यकार भी हैं। इसी रांची सीट से आजसू ने रांची की मेयर का चुनाव लड़ चुकी वर्षा गाड़ी को उतारा है, जिसके मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

 रामगढ़ से सुनीता चौधरी की किस्मत दांव पर

सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी इस बार आजसू के टिकट पर रामगढ़ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरी हैं। रामगढ़ सीट से पिछले तीन चुनाव से आजसू  के चंद्रप्रकाश चौधरी विजयी रहे हैं। इस बार उनके गिरिडीह से सांसद चुने जाने के बाद आजसू ने उनकी पत्नी सुनीता चौधरी चुनाव मैदान में उतारा है। सुनीता चौधरी के समक्ष अपने पति की परंपरागत सीट बचाने की चुनौती है। सुनीता चौधरी का मुकाबला बीजेपी के रणंजय कुमार और कांग्रेस की ममता देवी से है। 

बड़कागांव में अंबा प्रसाद के सामने पिता की विरासत बचाने की चिंता

बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से इस बार कांग्रेस प्रत्याशी अंबा प्रसाद विरासत बचाने के लिए चुनावी मैदान में हैं उतरी हैं। उन्हें आजसू और बीजेपी से चुनौती मिल रही है। अंबा प्रसाद वर्तमान विधायक निर्मला देवी और पूर्व विधायक योगेंद्र साव की पुत्री हैं। अंबा प्रसाद और आजसू प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।

सिल्ली सीट पर सीमा महतो की साख दांव पर

सिल्ली विधानसभा सीट से एक बार फिर जेएमएम से सीमा महतो मैदान में उतरी हैं, जिनका मुकाबला आजसू प्रमुख सुदेश महतो से हैं। पिछली बार 2014 में विधानसभा का चुनाव में जेएमएम के अमित महतो ने सुदेश महतो को 29 हजार वोटों को हराया था, जबकि, बीजेपी का समर्थन आजसू को हासिल थी। अमित महतो के सजायाफ्ता हो जाने के कारण यह सीट एक बार फिर खाली हुई और उपचुनाव में सुदेश महतो को एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा था। उपचुनाव में अमित महतो की पत्नी सीमा महतो ने हराया था और एक बार फिर दोनों आमने-सामने हैं। ऐसे में देखना है इस बार बाजी कौन मारता है।

(प्रतीकात्मक फोटो)

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