रघुवर दास पहली बार 1995 में बीजेपी के टिकट पर जमशेदपुर (पूर्व) से विधायक बने थे 2019 के विधानसभा चुनाव से एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं टाटा स्टील के कर्मचारी से झारखंड का मुख्यमंत्री बनने तक उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है
रांची: 2014 के विधानसभा नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास के नाम की घोषणा से पहले तक किसी को यह नहीं लगा था कि बीजेपी इस शख्स को मुख्यमंत्री बनाएगी। झारखंड का मुख्यमंत्री बनने से पहले तक रघुवर दास का जीवन तमाम उतार चढ़ाव से भरा रहा है।
रघुवर दास पहली बार 1995 में बीजेपी के टिकट पर जमशेदपुर (पूर्व) से विधायक बने थे। 2019 के विधानसभा चुनाव से एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। टाटा स्टील के कर्मचारी से झारखंड का मुख्यमंत्री बनने तक उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है।
रघुवर दास झारखंड नहीं छत्तीसगढ़ के
कहा जाता है कि रघुवर दास मूल रूप से झारखंड नहीं छत्तीसगढ़ के हैं। हालांकि उनका जन्म 3 मई, 1955 को झारखंड के जमशेदपुर में ही हुआ। उनका जन्म चाहे जहां हो मगर अब यही उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। रघुवर दास चार बार विधायक भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले 30 दिसंबर 2009 से 29 मई 2010 तक उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं।
रघुवर को अमित शाह का करीबी माना जाता है। सांगठनिक खूबियों की वजह से कई राज्यों में बीजेपी की जीत के लिए अहम भूमिका निभा चुके हैं। बहुत कम लोगों को ये जानकारी है कि रघुवर दास का आरएसएस या उसके दूसरे सहयोगी संगठनों से कोई सीधा संबंध नहीं है।
1974 के छात्र आंदोलन में शामिल
रघुवर दास के राजनीतिक करियर की शुरुआत समाजवादी 1974 के छात्र आंदोलन में समाजवादी छात्र संगठनों के संपर्क में आने से हुई। बाद में वे बीजेपी में आ गए और कई अहम जिम्मेदारियां निभाई।
बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि रघुवर दास राजनीति में आने से पहले टाटा स्टील के एक कर्मचारी थे। रघुवर दास के पास बीएससी और कानून की डिग्री है। पढ़ाई के बाद उन्होंने टाटा स्टील में नौकरी शुरू की। 70 के दशक में लोकनायक जयप्रकाश के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में रघुवर दास ने जमशेदपुर का नेतृत्व किया। इस दौरान जेल भी गए, मगर ये आंदोलन उनके लिए राजनीति में आगे बढ़ने का एक रास्ता साबित हुआ। वे दो बार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाए गए।
विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री
झारखंड राज्य बनने के बाद 2000 में प्रथम श्रम नियोजन व प्रशिक्षण मंत्री बने। 2003 में अर्जुन मुंडा के मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री व 2005 में वित्त-वाणिज्य व नगर विकास मंत्री बनाए गए। 2009 में शिबू सोरेन की गठबंधन सरकार में रघुवर दास को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
रघुवर दास के परिवार में पत्नी और एक बेटा है। बेटी की शादी हो चुकी है। 2014 में अमित शाह की अगुवाई वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में रघुवर दास की बतौर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंट्री हुई। एक सामान्य कार्यकर्ता के बाद विधायक फिर मंत्री और मुख्यमंत्री बनने तक का सफर अब तक बेहद दिलचस्प रहा है।
(फाइल फोटो)