गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने परिजनों ने किया एम्बुलेंस को फोन, जवाब मिला-वहां सड़क नहीं है

यह तस्वीर झारखंड में स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर (Health & Infrastructure)की बदहाल स्थिति को दिखाती है। दूरदरराज के गांवों में सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस वाले आने से मना कर देते हैं। लिहाजा गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को ऐसे डोली में लिटाकर या बैठाकर अस्पताल तक लाना पड़ता है। बता दें कि झारखंड सरकार ने 3 मार्च को अपना बजट पेश किया, जिसमें स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया है। इसमें एयर एम्बुलेंस सर्विस शुरू करने की बात कही गई है।

रांची, झारखंड. देश के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति आज भी ठीक नहीं है। यह तस्वीर झारखंड में स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर (Health & Infrastructure)की बदहाल स्थिति को दिखाती है। दूरदरराज के गांवों में सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस वाले आने से मना कर देते हैं। लिहाजा गर्भवती महिलाओं  और बीमार लोगों को ऐसे डोली में लिटाकर या बैठाकर अस्पताल तक लाना पड़ता है। बता दें कि झारखंड सरकार ने 3 मार्च को अपना बजट पेश किया, जिसमें स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया है। यह मामला गुमला ज़िले के डुमरी प्रखंड के दूरदराज के गांव मिरचाईपाठ का है। यहां राज्य सरकार की एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर छत्तीसगढ़ सरकार की एंबुलेंस की मदद से प्रसव पीड़ा के दौरान एक महिला को अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले परिजन उसे डोली में बैठाकर सड़क तक लेकर आए।

सड़क नहीं है, हम गांव तक नहीं आ सकते हैं
महिला के परिजन अशोक यादव ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि मरीज़ को प्रसव पीड़ा हो रही थी हमने झारखंड में फोन किया तो हेल्पलाइन पर बोला गया कि आपके यहां सड़क नहीं है, हम सेवा देने में असमर्थ हैं। उसके बाद हमने छत्तीसगढ़ से एंबुलेंस बुलाई। यहां पर डिलीवरी भगवान भरोसे होती है, बहुत महिलाओं और बच्चों की जान चली जाती है।

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यह है मामला
गुरुवार को मिरचाईपाठ निवासी फुलमनी नामक महिला को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों ने एंबुलेंस के लिए झारखंड हेल्पलाइन नंबर- 108 पर कॉल किया, लेकिन गांव तक सड़क नहीं होने की बात कहते हुए एंबुलेंस भेजने में असमर्थता जताई गई। तब परिजनों ने छत्तीसगढ़ हेल्पलाइन नंबर पर कॉल लगाया। फिर महिला को गांव से एंबुलेंस तक गेडुआ पर बैठाकर पहुंचाया गया। महिला को जशपुर अस्पताल ले जाया गया। वहां सकुशल प्रसव हुआ।

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Jharkhand Budget 2022: बजट में कही है एम्बुलेंस सुविधाएं बढ़ाने की बात
झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 3 मार्च को बजट (Jharkhand Budget 2022) पेश किया था। इसे राज्य  के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने सदन के पटल पर रखा था। 1 लाख 1 हजार 101 करोड़ का बजट पेश किया। इसमें भरोसा दिलाया गया है कि सभी जिला अस्पताल 300 बेड के अस्पतालों में अपग्रेड होंगे। बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा में आधारभूत संरचनाओं के विकास पर जोर पर दिया जाएगा। सरकार एयर एंबुलेंस की शुरुआत करेगी।

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अब स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की बात
इस बार के बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे ज्यादा फोकस किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई है। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 5618.83 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त सभी जिला अस्पताल में 300 बेड अस्पताल में अपग्रेड करने का एलान किया गया है। राज्य के लोगों को सस्ते दर पर एयर एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। हेमंत सोरेन सरकार उन डॉक्टरों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ देगी, जो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर काम करेंगे। ऐसे स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को हर महीने 40 हजार रुपये और अन्य डॉक्टरों को 25 हजार रुपये प्रति माह अतिरिक्त वित्तीय लाभ देने का प्रावधान रखा है।

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