सीआरपीएफ ने झारखंड के बुद्धा पहाड़ (Buddha Pahad) को मुक्त करा लिया है। यह 30 साल से नक्सलवाद का गढ़ था। यहां सुरक्षाबलों के लिए स्थाई कैंप लगाया गया है ताकि फिर से इस पहाड़ पर नक्सली अपनी पकड़ नहीं बना पाएं।
रांची। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सीआरपीएफ (CRPF) को बड़ी कामयाबी मिली है। 30 साल से नक्सलवाद का गढ़ रहे बुद्धा पहाड़ (Buddha Pahad) को आतंक से मुक्त करा लिया गया है। यहां सीआरपीएफ का कैंप लगा दिया है ताकि फिर से इस पहाड़ पर नक्सली अपनी पकड़ नहीं बना पाएं।
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बुधवार को बताया कि बुद्धा पहाड़ को मुक्त करा दिया गया है। वहां हेलिकॉप्टर की मदद से फोर्स भेजी गई। सुरक्षाबलों के लिए वहां स्थाई कैंप लगाया गया है। तीन अलग-अलग ऑपरेशनों के तहत पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने में कामयाबी मिली।
ऑपरेशन थंडरस्टॉर्म में मारे गए 14 नक्सली
कुलदीप सिंह ने बताया कि अप्रैल 2022 के बाद से अभी तक छत्तीसगढ़ में 7, झारखंड में 4 और मध्य प्रदेश में तीन नक्सली ऑपरेशन थंडरस्टॉर्म के तहत मारे गए हैं। कुल 578 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण किया है।
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नक्सल मुक्त हुआ बिहार
कुलदीप सिंह कहा, "हम अब कह सकते हैं कि बिहार नक्सल मुक्त हो गया है। जबरन वसूली करने वाले गिरोह के रूप में उनकी मौजूदगी हो सकती है, लेकिन अब बिहार का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां नक्सलियों का प्रभुत्व हो। बिहार और झारखंड में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां सैन्य बल पहुंच नहीं सके। वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आई है। 2009 में यह 2258 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। वर्तमान में घटकर 509 हो गया है। मृत्यु दर में 85% की कमी आई है।"
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