
चतरा: झारखंड के चतरा जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। 100 से अधिक मरे हुए सांप को एकसाथ देख ग्रामीणों के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारी भी अचंभित रह गए। यह हैरान करने वाली घटना जिले हंटर प्रखंड के डाटम गांव की है। यहां एक साथ 100 से भी अधिक सांप मृत मिले हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में कभी भी यहां सांप की मौत नहीं हुई थी। यह पहली बार मृत इतने सांप एकसाथ देखे गए। ग्रामीणों के अनुसार गांव के समीप पिपरहिया आहर है। आहार में मछलियों को मारने के लिए पानी में केमिकल डालकर विषैला किया जाता है। उसके बाद मरे हुए मछलियों को जाल के सहारे निकाला जाता है। उसी दौरान जब आज आहर में जाल डाला गया तो उन मछलियों के साथ सांप भी फंस गए थे। जब सांपों को बाहर निकाला गया तो सारे सांप मरे हुए थे। जिसे देख मछली मारने वाले भी सन्न रह गए।
ग्रामीणों में फैलने लगा डर
जैसे ही मरे हुए सांपों की सूचना गांव वालों को मिली, सारे गांव वाले हैरान रह गए। साथ ही अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है की आड़ में मछली मारने के लिए किस केमिकल का इस्तेमाल किया गया था। हर कोई इस बात से डरा हुआ है की आहर की मछलियों को खाने से लोग कहीं बीमार नहीं हो जाए। कई ग्रामीणों ने केमिकल डालकर मछली मारने की घटना को सेहत के साथ खिलवाड़ बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस आहार की मछलियों को तुरंत जप्त कर लिया जाना चाहिए। साथी किसी भी सूरत में बाजार तक नहीं पहुंचने देना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकती है।
वन विभाग ने शुरु की जांच
सूचना पर वन विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे। रेंजर सूर्य भूषण यादव ने जांच के लिए वन पाल अजय कुमार को मौके पर भेजा। रेंजर ने बताया कि एक साथ इतनी संख्या में सांपों की मौत एक जांच का विषय है। जब तक जांच नहीं होती है, कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा है कि संभव है मछली मारने के लिए आहर के पानी को विषाक्त किया गया हो, लेकिन इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। वन विभाग ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही जांच की रिपोर्ट सामने आ जाएगी। साथ ही वन विभाग की टीम मछली मारने वाले ग्रामीणों की भी तलाश कर रही है। रेंजर ने कहा है कि जो लोग दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जाएगा। क्योंकि सांपों को मारना एक कानूनी अपराध है।
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