अपने मासूम बेटे को तिल-तिल मरते देखकर रोये जा रहे थे मां-बाप, CM हुए भावुक

अपने जिस इकलौते मासूम बेटे की जिंदगी को बचाने में मां-बाप नाकाम नजर आ रहे थे, मुख्यमंत्री के एक ट्वीट से फिर से उम्मीद जागी है। मामला धनबाद का है। बच्चे के इलाज के लिए विधायक ने ट्वीट के जरिये मदद मांगी थी। इस पर हेमंत सोरेन ने फौरन संज्ञान लिया है। इस मासूम बच्चे के सिर में ट्यूमर या पानी भरे होने की आशंका है। इलाज के लिए पैसा नहीं होने पर परिजन बच्चे को घर लेकर आ गए थे।

Asianet News Hindi | Published : Oct 31, 2020 11:36 AM IST

धनबाद, झारखंड. अपने मासूम बच्चे को मौत के मुंह में जाते देखकर गरीब मां-बाप लगातार रोए जा रहे थे। लेकिन उनके पास इतना पैसा नहीं था कि उसका इलाज कराया जा सके। बच्चे के ब्रेन में पानी भरा होने या ट्यूमर की आशंका है। बच्चे को कुछ दिन पहले परिजन घर लेकर आ गए थे। लेकिन जब स्थानीय विधायक सीता सोरेन को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट किया। मुख्यमंत्री बच्चे की हालत देखकर भावुक हो गए और उन्होंने तुरंत मामले में संज्ञान लिया। इस बारे में धनबाद डीसी को निर्देश जारी किए गए हैं।

मां-बाप की उम्मीद जागी...
यह मामला जिले के बरवा-अड्डा थाना क्षेत्र का है। बच्चे का करीब 20 दिनों तक धनबाद के पीएमसीएच अस्पताल में इलाज चला। लेकिन यहां के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। परिजनों के पास इतना पैसा नहीं था कि वे उसे किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जा सकते। जामा विधायक सीता सोरेन ने के ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत बच्चे के इलाज के निर्देश दिए हैं। विधायक ने लिखा था कि धनबाद बरवा-अड्डा निवासी महिला अपने बच्चे का इलाज कराने में असमर्थ है। मुख्यमंत्री जी आप मदद करें। विधायक ने बच्चे का इलाज रिम्स रांची में करने की गुहार लगाई थी। 

Latest Videos

बच्चे के पिता मनोज मलार ने कहा कि वो मजदूर हैं। बड़े अस्पताल में बच्चे का इलाज कराने पैसा कहां से आता? शिवम नामक बच्चे की उम्र 14 महीने है। वो अपनी 4 बहनों में इकलौता भाई है।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts
'क्या बेटा इतना बड़ा हो गया जो मां को आंख दिखाए' मोहन भागवत से Arvind Kejriwal ने पूछे 5 सॉलिड सवाल
चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व