झारखंड के खूंटी के एसडीएम सैयद रियाज अहमद को आईआईटी की इंटर्न की छात्रा से छेड़खानी के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं कांग्रेस विधायक इरफान अंसार खुलकर उनके समर्थन में आ चुके हैं और गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं।
रांची (झारखंड). खूंटी में आईआईटी की इंटर्न की छात्रा से छेड़खानी के आरोपी एसडीएम सैयद रियाज अहमद की गिरफ्तारी मामले में जमताड़ा विधायक खुलकर उनके समर्थन में आ चुके हैं। इस घटना को देखने का उनका नजरिया बिल्कुल अलग है। कांग्रेस विधायक इरफान अंसार खूंटी के एसडीएम सैयाद रियाज अहमद की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहिा कि एसडीएम को फंसाया गया है। सैयर रियाज खूंटी में बालू माफियाओं पर नकेल कसने में जुटे थे इसकारण उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया।
sएसडीएम की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
विधायक का कहना है कि सैयद रियाज एक आईएएस ऑफिसर हैं, किसी लड़की ने उनपर आरोप लगाया और पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ली। आईएएस ऑफिसर को इस तरह से बिना किसी जांच के गिरफ्तार कर लेना गलत है। सरकार को एक कमेटि बनाकर इस पर पहले जांच करना चाहिए था। आईएएस ऑफिसर की गिरफ्तारी के लिए वरीय पदाधिकारियों से परमिशन लेनी चाहिए उसके बाद फैक्ट सामने आने के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए।
विधाययक ने लड़की के आरोप पर किया क्रास सवाल
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि लड़की का कहना था कि उन्होंने पार्टी में शराब के नसे में उन्हें बदसलूकी की, लेकिन सैयद रियाज ने कभी शराब नहीं पी। अगर उसने शराब पी थी तो पहले उनकी मेडिकल जांच होनी चाहिए थी। बता दें कि सैयद रियज अहमद पर आईआईटी की इंर्टन स्टुडेंट से छेड़खानी का आरोप है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने उनको जेल भेज दिया है। इसके बाद एसडीएम की तरफ से कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिच की दी है।
विधायक के बयान के सूबे की राजनीति गरमाई
बता दें कि इरफान अंसारी का बयान हमेशा विवादों से भरा होता है। कोर्ट ने भी एसडीएम की जमानत याचिका खारिजकर दी है। विधायक के बयान के सूबे की राजनीति गरम हो गई है। उनके बयान पर विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी सवाल उठा रही है। खूंटी में बीजेपी एसडीएम के आरोपों की न्यायिक जांच की मांग कर रही है। खूंटी में भाजपा ने इसके लिए विरोध प्रदशर्न भी निकाले हैं। भाजपाईयों का कहना है कि छेड़खनी के आरोपी को विधायक समर्थन करना और उन्हें बचाने की कोशिश करना समझ से परे है। आखिर विधायक छेड़खानी के आरोपी को क्यों बचाना चाहते हैं।