कोर्ट ने इस लड़की के लिए सुनाया था अनोखा फैसला, अश्लील कमेंट्स से पूरे देश में आ गईं थी चर्चा में

 सोशल मीडिया पर कथित अश्लील टिप्पणियों के चलते निचली अदालत से कुरान बांटने के आदेश के व्यूह में फंसने से चर्चा में आई रिचा भारती ने उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए अनेक पुलिस अधिकारियों एवं 17 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश देने की झारखंड उच्च न्यायालय से गुहार लगायी है।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 19, 2019 8:00 AM IST / Updated: Oct 19 2019, 01:45 PM IST

रांची. सोशल मीडिया पर कथित अश्लील टिप्पणियों के चलते निचली अदालत से कुरान बांटने के आदेश के व्यूह में फंसने से चर्चा में आई रिचा भारती ने उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए अनेक पुलिस अधिकारियों एवं 17 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश देने की झारखंड उच्च न्यायालय से गुहार लगायी है।

पुलिस अफसरों के खिलाफ दायर किया केस
ऋचा ने याचिका दायर कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक और पिठोरिया थाना प्रभारी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया है। उनके खिलाफ फेसबुक पर अश्लील पोस्ट करने वाले 17 लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज कराने का आग्रह उच्च न्यायालय से किया है।

फेसबुक पर कई लोगों की थी अश्लील टिप्पणी
याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ फेसबुक पर कई लोगों ने अश्लील टिप्पणी की है। इसकी शिकायत वह पिठोरिया थाना प्रभारी, इलाके के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक से की है, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है। जिन लोगों ने अश्लील टिप्पणी की है उनके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।

 ऋचा ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोपी
उन्होंने याचिका में कहा है कि उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गयी है। ऋचा ने कहा है कि उसने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट नहीं किया था। लेकिन पुलिस ने बिना जांच के उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे अदालत में पेश किया था। इस कारण लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

कोर्ट ने सुनाया था अनोखा फैसला
ज्ञातव्य है कि निचली अदालत ने जमानत के लिए उन पर कुरान बांटने की शर्त लगायी थी। इसी साल जुलाई में ऋचा पर सोशल साइट पर आपत्तिजनक बातें लिखने का आरोप लगा था। पुलिस ने इस मामले में ऋचा को गिरफ्तार किया था।
निचली अदालत ने ऋचा को जमानत देने के लिए कुरान बांटने की शर्त लगायी थी। इसका कई संगठनों ने विरोध किया था। बाद में अदालत ने कुरान बांटने की शर्त वापस ले ली थी।

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