सावन के अंतिम सोमवारी पर देवघर में लगा भक्तों का सैलाब, तीन लाख से अधिक शिवभक्त करेंगे जलाभिषेक

झारखंड के देवघर में आज यानि 8 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार में भक्तों का जन सैलाब उमड़ा हुआ है। जलाभिषेक करने वाले शिवभक्तों का आना रविवार रात से ही जारी हो गया था। अंदाजा  लगाया जा रहा है कि 3 लाख से ज्याद श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाएंगें..

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 8, 2022 9:48 AM IST / Updated: Aug 08 2022, 04:13 PM IST

देवघर (झारखंड). सावन के अंतिम सोमवारी को देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में भक्तों का सैलाब लगा हुआ है। रविवार रात से ही करीब 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगाकर शिवभक्त जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। अनुमान के मुताबिक आज तीन लाख से अधिक कावरिंए बाबा का जल अर्पित करेंगे। बाबा मंदिर के साथ-साथ राज्य के विभिन्न शिवालयों में भी आज सुबह से ही लोग जुटे और भगवान शंकर को अंतिम सोमवारी के दिन जल अर्पित किया। बोल-बम, जय शिव के नारों से राज्य के सभी शिवालय गूंज उठे। हालांकि 12 अगस्त को सावन खत्म हो रहा है, लेकिन आज सावन महिने की अंतिम सोमवारी है, इसलिए लोग आज के दिन भोले बाबा को जल चढ़ाने का मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। देवघर के बाबा मंदिर में पूरे सावन जलाभिषेक होता है। सुल्तानगंज से कांवर में जल लेकर पैदल 105 किमी की यात्रा कर कावंरिए बाबा मंदिर पहुंचते हैं और बाबा पर जल चढ़ाते हैं।

अंतिम सोमवारी के भीड़ को लेकर प्रशासन सतर्क
भगवान भोलेनाथ के लाखों भक्त हर साल सावन के अंतिम सोमवारी को बाबानगरी में जुटते हैं। यही कारण है कि देवघर प्रशासन और श्रावणी मेले में लगी प्रशासन की पूरी टीम चाक-चौबंध है। भक्तों को किसी प्रकार का कोई दिक्कत ना हो इसके लिए देवघर में जगह-जगह प्रशासन की टीम मुस्तैद है। भक्तों के लिए नि:शुल्क धर्मशाला, खाना-खाने और दवाईयों की सुविधा भी दी जा रही है।

अंतिम सोमवारी को एकादशी का अनोखा संयोग
ऐसा मानना है कि सावन महीने में आने वाले सोमवार को व्रत रखने और रुद्राभिषेक करने से मन की इच्छा भगवान पूरी करते हैं। सावन के पहले और अंतिम सोमवार को रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है। ग्रह के दोषों से छु़टकारा पाने का यह एक अच्छा उपाए है। इस बार सावन को चौथे और आखिरी सोमवार पर एकादशी और रवि योग का संजोय बन रहा है। इस दिन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पवित्रा एकादशी भी है। सावन पवित्रा एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना से समस्त पाप खत्म हो जाते हैं। वहीं रवि योग में शिव-विष्णु की पूजा बहुत लाभकारी मानी जाती है। इस योग में देवी-देवताओं की पूजा करने से सुख समृद्धि मिलती है।
 
राज्य के सभी शिवालयों में उत्साहित दिखे श्रद्धालु
सावन के अंतिम सोमवारी को राज्य सहित देश सभी शिवालयों में भक्त अपनी मनोकामना लेकर बाबा को जल अर्पित कर रहे हैं। रांची, धनबाद, गुमला, कोल्हान सहित सभी जिलों का माहौल भक्तिमय है। लोग कताबद्ध होकर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ा रहे हैं। कई जगहों पर भोलेनाथ की झांकी भी निकाली गई है। अन्य जगहों पर विभिन्न प्रकार के भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

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