बगैर मेहनत किए सरकारी नौकरी हासिल करने के चक्कर में पोता अपने ही दादा का कातिल बन गया। पोता सोचता रहता था कि कब दादा मरें और उसे उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए। लेकिन जब उससे इंतजार नहीं हुआ, तो उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दादा को रास्ते से हटा दिया। पोते ने अपने ही दादा की सुपारी दे दी थी। करीब 12 दिनों की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया। अब पोता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
धनबाद, झारखंड. अपनी जिंदगी संवारने एक पोता अपने ही दादा के लिए काल बन गया। बगैर मेहनत किए सरकारी नौकरी हासिल करने के चक्कर में पोता अपने ही दादा का कातिल बन गया। पोता सोचता रहता था कि कब दादा मरें और उसे उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए। लेकिन जब उससे इंतजार नहीं हुआ, तो उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दादा को रास्ते से हटा दिया। पोते ने अपने ही दादा की सुपारी दे दी थी। करीब 12 दिनों की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया। अब पोता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
दादा को दफ्तर छोड़ने के बहाने ले गया था..
जानकारी के अनुसार गुम्मा गांव के रहने वाले नरेश नोनिया कुमारबुधी कोलियरी में ईसीएल कर्मी थे। उनका पोता अनिल चौहान कोई कामधाम नहीं करता था। वो हमेशा यही सोचता रहता था कि कब उसके दादा मरें और उसे अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए। इसी सोच ने उसे षड्यंत्रकारी बना दिया। उसने अपने दो दोस्तों को दादा की हत्या की सुपारी दे डाली। षड्यंत्र के तहत अनिल दादा को दफ्तर छोड़ने के बहाने अपने साथ बाइक पर ले गया। उसे दादा को दफ्तर छोड़ा और लौट आया। इसके बाद वो दोनों सुपारी किलर को लेकर फिर से कुमारबुधी कोलयारी पहुंचा। यहां मौका पाकर हत्यारों ने नरेश को मार डाला। जब पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की, तो अनिल का बर्ताव कुछ ठीक सामने नहीं आया।
ज्यादा समय तक जुर्म छुपाकर नहीं रख सका
पुलिस की पूछताछ में अनिल टूट गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने सुपारी किलर इम्तियाज अंसारी और शेख नवाब को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से पुलिस ने मृतक का वोटर कार्ड, जॉब कार्ड और हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया।