यहां अनोखे तरीके से मनाते हैं रक्षा बंधन: साल के पेड़ों को राखी बांधती हैं महिलाएं-उतारती हैं आरती

देशभर में रक्षाबंधन का त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जाने वाला है। इस कड़ी में आज हम आपको झारखंड राज्य में किस तरह से राखी मनाते हैं,वह बता रहे हैं। दरअसल यहां की महिलाएं साल के पेड़ को राखी बांधकर इस त्यौहार को मनाती हैं।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 4, 2022 10:46 AM IST / Updated: Aug 04 2022, 05:20 PM IST

पूर्वी सिंहभूम ( झारखंड): झारखंड में अनोखे तरीके से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं साल पेड़ों पर राखी बांध पेड़ों की रक्षा का संक्लप लेती है। इसका नेतृत्व पद्मश्री जमुना टुडू करती है। पूर्वीं सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड में स्थित सुनसुनिया जंगल में हर साल रक्षा बंधन धूम-धाम से मनाया जाता है। पारंपरिक वेश भूषा में आदिवासी महिलाएं पूरे उत्साह के साथ जंगल पहुंचती है और पारंपरिक गीत के साथ साल पेड़ों पर राखी बांधती है। वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं। महिलाएं सिर्फ राखी ही नहीं बांधती बल्कि महिलाएं जंगल की रक्षा भी करती है। यही कारण है कि सुनसुनिया जंगल हर-भरा है। यहां किसी को पेड़ काटने की इजाजत नहीं है। इस वर्ष भी यहां रक्षा बंध धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। इस साल 14 अगस्त को सुनसुनिया जंगल में रक्षा बंधन महोत्सव मनाया जाएगा। जमुना टुडू का कहना है कि इस साल रक्षाबंध महोत्सव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा आएंगे।

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आदिवासी वेश-भूषा में नृत्य करती 
सुनसुनिया जंगल में रक्षा बंधन के मौके पर उत्सव का माहौल रहता है। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पारंपरिक गीत गाते हुए जंगल पहुंचती है। पारंपरिक वेश-भूशा में महिलाएं मांदर और धमसे की थाप पर नृत्य भी करती है। महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता है। वन विभाग के अधिकारी भी खुद को नृत्य करने से रोक नहीं पाते हैं। महिलाएं पेड़ों पर राखी बांधने के बाद पेड़ों की आरती भी उतारती है। रक्षा बंधन के मौके पर प्रत्येक साल यहां उत्सव सा माहौल रहता है।  

करीब 12 साल से हो रहा आयोजन
करीब 12 साल से सुनसुनिया जंगल में रक्षा बंध महोत्सव का आयोजन हो रहा है। पेड़ों की रक्षा के लिए जमुना टुडू पहले कुछ महिलाओं के साथ ही रक्षा बंधन मनाने जंगल पहुंचती थी। लेकिन अब सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पूरे उत्साह और जोश के साथ पेड़ों पर राखी बांधने के लिए पहुंचती है। अब झारखंड के कई हिस्सों में इस तरह का कार्यक्रम का आयोजन होता है। महिलाएं पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांध पेड़ो की रक्षा करने का संकल्प लेती है। 

पेड़ों की रक्षा से ही पर्यावरण संरक्षित होगा: पद्मश्री
पद्मश्री जमुना टुडू ने बताया कि पेड़ों की रक्षा से ही हम पर्यावरण को संरक्षित रख सकते हैं। लोग एक-एक पौधे जरुर लगाएं और जीवन भर उसकी रक्षा करें। जमुना टुडू ने कहा कि इस साल भी रक्षा बंधन महोत्सव सुनसुनिया जंगल में धूमधाम से मनाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी इस बार महोत्सव में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि शुरु में लोगों के पेड़ों की रक्षा के प्रति जागरुक करने में काफी परेशानी हुई। गांव-गांव जाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक करना पड़ा। अब गांव के लोग भी जागरुक हो चुके हैं। खासकर महिलाएं पेड़ों की रक्षा के लिए सजग हैं। अब सैकड़ों की संख्या में महिलाएं सुनसुनिया जंगल पहुंच पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधती हैं।

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