
जमशेदपुर(Jamshedpur). झारखंड के जमशेदपुर के घाटशिला कॉलेज में आयोजित शैक्षणिक मॉडल प्रदर्शनी(educational model exhibition) के दौरान भौतिक विभाग के छात्र-छात्राओं(students of physics department) द्वारा बनाए गए रॉकेट में तकनीकी गड़बड़ी होने से ब्लास्ट हो गया। इस चौंकाने वाली घटना में करीब 8-10 छात्र-छात्राएं मामूली जख्मी हो गए। पढ़िए पूरा मामला...
घाटशिला कॉलेज में सोमवार(12 दिसंबर) को एजुकेशनल मॉडल एग्जिबिशन का आयोजन किया गया था। इसमें फिजिक्स डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स कई मॉडल बनाकर लाए थे। अचानक एक रॉकेट के प्रदर्शन के दौरान उसमें विस्फोट हो गया। माना जा रहा है कि ऐसा तकनीकी गड़बड़ी से हुआ। हादसे के वक्त रॉकेट को घेरकर कई लड़के-लड़कियां खड़े हुए थे। विस्फोट से 8-10 बच्चे मामूली घायल हो गए। धमाके के बाद एग्जिबिशन में अफरा-तफरी मच गई। सभी को तत्काल प्राइमरी ट्रीटमेंट दिया गया। इसके बाद उन्हें अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। हादसे में एक छात्रा कुलसुम परवीन गंभीर हो गई। डर के मारे उसका ब्लड प्रेशर कम हो गया था।
इस एक दिनी एग्जिबिशन में इंटर-यूजी और पीजी के स्टूडेंट्स ने 422 मॉडल रखे थे। इसका उद्घाटन घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने किया था। कहा जा रहा है कि रॉकेट को उड़ाने के बजाय फटने का बटन दबा दिया गया था। घटना के संबंध में मॉडल प्रदर्शनी में मौजूद एक टीचर ने कहा कि एग्जिबिशन में कुलसुम परवीन, नफीस अख्तर आदि ने यह रॉकेट का मॉडल बनाया था। इसका अच्छे से परीक्षण किया गया था। जब यह टेस्टिंग में सफल रहा, तब इसे एग्जिबिशन में रखा गया था।
एग्जिबिशन में अतिथियों को स्टूडेंट्स बता रहे थे कि यह रॉकेट उड़ने के बाद आसमान में जाकर फटता भी है। अतिथियों ने ऐसा करके दिखाने को कहा। छात्राएं रॉकेट को खुली जगह पर ले गईं। अचानक किसी अन्य बच्चे ने गलती से उड़ने वाले बटन के बजाय फटने वाले बटन पर उंगुली दबा दी। इससे रॉकेट जमीन पर ही फट गया। धमाके के दौरान आसपास खड़े बच्चे इसकी चपेट में आ गए।
बताया जाता है कि इस रॉकेट मॉडल को बनाने में पोटैशियम नाइट्रेट तथा शुगर का इस्तेमाल किया गया था। इसके जो भी मैटेरियल्स थे, सभी पीवीसी के बनाए गए थे। रॉकेट का वजन करीब दो से ढाई किलो था। कॉलेज मैनेजमेंट ने कहा कि इस हादसे के बाद बच्चे घबराए हुए हैं। प्रदर्शनी फिजिक्स डिपार्टमेंट की ओर से लगाई गई थी।
जो छात्र-छात्राएं घायल हुए उनमें-सौरभ नामाता, राहुल कैवर्त, सुनील महतो, अमन कुमार झा, आरती हेंब्रम, सुदीप शाह, अभि अख्तर, कुलसुम परविन शामिल है। कहा जा रहा है कि तीन बच्चों को अनुमंडल अस्पताल से एमजीएम रेफर करना पड़ा।
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