गिरिडीह की जिला पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 25 लाख के ईनामी नक्सलवादी नंदलाल माझी को उसकी पत्नी के साथ गिरफ्तार किया है। नक्सलवादी से कई जांच एजेंसिया पूछताछ करने में लगी है।
गिरिडीह. झारखंड के गिरिडीह जिले से एक बड़ी खबर निकल कर आ रही है। दरअसल यहां 25 लाख के ईनामी नक्सली नंदलाल माझी को अरेस्ट किया गया है। इस कार्यवाही में जिला पुलिस गिरिडीह का बहुत बड़ा योगदान है। इस गिरफ्तारी में उसकी पत्नी चंद्रमणि देवी को भी गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल दोनों पुलिस कस्टडी में है। दोनो से पूछताछ के मामले में पुलिस से अभी कुछ जानकारी निकलकर आई है, जानिए आप भी।
25 लाख का इनामी नक्सली
नंदलाल मांझी उर्फ पवित्र के ऊपर पुलिस ने 25 लाख का इनाम रखा हुआ था। जिसको पकड़ने का प्रयास काफी समय से किया जा रहा था। आखिरकार गिरिडीह जिला पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए उसे पकड़ ही लिया इसमें नक्सली नंदलाल मांझी और उसकी पत्नी चंद्रमणि देवी को गिरफ्तार किया है, आरोपी मुख्य रूप से नक्सली है। जिसकी तलाश पुलिस काफी समय से कर रही थी। दोनों की गिरफ्तारी गिरिडीह के पीरटांड़ के पिपराडीह से होने की बात सामने आ रही है। नक्सली नंदलाल पीरटांड प्रखंड का रहने वाला है।
कई जांच एजेंसिया कर रही पूछताछ
नंदलाल गिरिडीह जिले के पीरटांड प्रखंड अंतर्गत खुखरा थाना इलाके के जोनराबेड़ा का रहने वाला है. नंदलाल स्पेशल एरिया कमिटी मेंबर है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद विभिन्न जांच एजेंसी भी नंदलाल से पूछताछ कर रही है. नंदलाल के खिलाफ गिरिडीह के मधुबन, पीरटांड, खुखरा समेत कई थाना में मामला दर्ज है. नंदलाल द्वारा अंजाम दिये गये सभी घटनाओं की जानकारी पुलिस इकठ्ठा कर रही है।
दुमका में 21 वर्ष तक सक्रिय रहा नंदलाल
नंदलाल दुमका में वर्ष 21 तक सक्रिय रहा। वह एरिया कमांडर ताला दा के दस्ते का प्रमुख सदस्य है। वर्ष 2019 में पुलिस ने रानीश्वर के तालडंगाल में दस्ते को घेरने का प्रयास किया। दोनों तरफ से गोलियां चली। एसएसबी जवानों की फायरिंग में ताला दा ढेर हो गया। नंद लाल बाकी साथियों के साथ भागने में सफल रहा। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी।
एसपी सहित दो थाना इंचार्ज की हत्या का आरोपी है नक्सली
नक्सली नंदलाल शिकारीपाड़ा थाना के प्रभारी शमशाद अंसारी और जामा के प्रभारी सदानंद अंसारी की हत्या में शामिल रहा। 2013 में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार समेत सात जवानों की हत्या में उसकी संलिप्तता थी। आरोपी नंदलाल ने दुमका में करीब 25 वारदातों को अंजाम दिया।
हर वारदात से पहले ताला की इजाजत ली जाती थी
ताला दा जब तक जीवित था, तब तक नंदलाल की ही दस्ते में चलती थी। हर वारदात से पहले उसकी राय ली जाती थी। वह ताला का दाहिना हाथ था। ताला की मौत के बाद वह एरिया कमांडर तो बन गया, लेकिन दस्ते को फिर से वो जान नहीं डाल सका, जो ताला डालता था। जानकारों की माने तो उसकी मौत के बाद वो काफी तनाव में आ गया।
पुलिस के लिए बड़ी सफलता: एसपी
दुमका एसपी अंबर लकड़ा का कहना है कि नंदलाल की गिरफ्तारी महकमे के लिए बड़ी सफलता है। उसके खिलाफ शिकारीपाड़ा, काठीकुंड, गोपीकांदर, रामगढ़, मसलिया व रानीश्वर में करीब 25 मामले दर्ज हैं। सभी में वह नामजद आरोपित है। कई बार दबिश के बाद भी वह बच निकला। अब उसे सभी मामले में केस रिमांड पर लिया जाएगा। आवश्यकता पड़ी तो यहां लाकर पूछताछ की जाएगी।