हजारीबाग के बरकट्ठा के निर्दलीय विधायक अमित यादव 5 दिनों से धरने पर बैठे हुए है। साथ ही विरोध में उन्होंने कोऱडमा थर्मल प्लांट में वाटर सप्लाई भी रोक दी है जिसके कारण प्रदेश में बिजली संकट पैदा होने के आसार बन रहे है।
हजारीबाग (झारखंड). झारखंड के हजारीबाग के बरकट्ठा से निर्दलिय विधायक अमित यादव इन दिनों राज्य में चर्चा का विषय बने हुए हैं। पिछले पांच दिनों से विधायक जी धरने पर बैठे हैं। इतना ही नहीं इन्होंने कोडरमा थर्मल प्लांट को हाने वाली जलापूर्ति भी रोक दी है। प्लांट की जलापूर्ति बाधित होने से अब पूरे जिले में बिजली संकट की स्थिति उत्पन्न होने के आसार है। नेता जी डीवीसी से निर्वाध बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे हैं, जो डीवीसी नहीं दे रहा। इससे गुस्साए विधायक अमीत यादव धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि हमारी पानी से ही बिजली का उत्पादन होता है और हमें ही बिजली नहीं मिलती है। इसलिए उन्होंने कोडरमा थर्मल प्लांट का पानी ही रोक दिया और बैठ गए धरने पर। स्थिति ऐसी हो गई कि अब पावर प्लांट के रिजर्व वायर में भी पानी का स्टॉक लगातार कम होता जा रहा है।
डीवीसी और विधायक के बीच आर-पार की लड़ाई
जिला के तिलैया डैम से कोडरमा थर्मल पावर प्लांट को बिजली उत्पादन के लिए जलापूर्ति रोके जाने को लेकर बरकट्ठा विधायक अमित यादव और डीवीसी के बीच अब आर-पार की लड़ाई दिख रही है। एक तरफ अघोषित बिजली कटौती के विरोध में विधायक अमित यादव पिछले 5 दिन से धरने पर बैठे हैं और इंटकवेल में तालाबंदी कर प्लांट के लिए पानी आपूर्ति रोक दी है। वहीं डीवीसी द्वारा पानी रोके जाने के कारण विद्युत उत्पादन प्रभावित होने की बात कही जा रही है। आगामी दिनों में व्यवस्था नहीं सुधरी तो जिला में बिजली संकट उत्पन्न हो जाएगी।
नियमित बिजली की मांग कर रहे विधायक, डीवीसी के तरफ से वार्ता की कोशिश नहीं
पावर प्लांट की जलापूर्ति बाधित के बाबत डीवीसी द्वारा विधायक के साथ किसी तरह की वार्ता करने की पहल नहीं कर रहा है। वहीं विधायक अमित यादव भी नियमित विद्युत आपूर्ति की मांग पर अड़े हैं और डीवीसी द्वारा निर्बाध बिजली आपूर्ति की कमिटमेंट तक पीछे हटने के मूड में नहीं है। इस पूरे मामले पर कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के मुख्य अभियंता एनके चौधरी ने कहा कि 19 अगस्त से तिलैया डैम से थर्मल पावर प्लांट की जलापूर्ति रोके जाने से अब विद्युत उत्पादन प्रभावित होने लगा है। पानी की कमी के कारण 1000 मेगावाट वाले थर्मल पावर प्लांट से महज 700 मेगा वाट ही बिजली उत्पादित की जा रही है और अगर यही स्थिति बनी रही तो प्लांट का एक यूनिट बंद भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्लांट अगर एक बार बंद हो गया तो उसे दोबारा शुरू करने में लाखों रुपए का खर्च आएगा।
लोगों के साथ यूज एंड थ्रो की नीति नहीं चलेगी
दूसरी तरफ विधायक अमित कुमार यादव का कहना है कि डीवीसी यहां के लोगों के साथ यूज एंड थ्रो की रणनीति अपना रहा है। जंगल हमारा, जमीन हमारी, पानी हमारा और प्रदूषण भी हम ही झेलें, बावजूद इसके यहां के लोगों को अगर बिजली ना मिले तो ऐसे पावर प्लांट का रहना और ना रहना एक बराबर है।
बिजली कटौती को लेकर 19 अगस्त से धरने पर बैठे
यहां बता दें कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर 19 अगस्त से बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव अपने समर्थक और स्थानीय लोगों के साथ तिलैया डैम के नए इंटकवेल के पास धरने पर बैठे हैं और मंगलवार पांचवें दिन भी धरना जारी है। 5 दिन से तिलैया डैम से थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए जलापूर्ति ठप है। अब कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के रिजर्व वायर में भी पानी का स्टॉक लगातार कम होता जा रहा है। कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट में कोयले के साथ-साथ पानी की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता जरूरी है।
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