
रांची, झारखंड हेमंत सोरेन सराकर ने सीबीआई को लेकर एक आदेश जारी किया है। जिसमें सीबीआई जांच के लिए सामान्य सहमति को वापस लेने का फैसला किया। यानि अब CBI राज्य सरकार की परमिशन के बिना एंट्री नहीं कर पाएगी। अगर उसको किसी मामले की जांच करना है तो पहले प्रदेश सरकार से इसके लिए अनुमति लेनी होगी। यानि कि राज्य के दरवाजे सीबीआई के लिए बंद कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि यह फैसला झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के बीच चल रहे टकराव की वजह से लिया गया है।
इस वजह से लिया यह फैसला
इस फैसले के साथ झारखंड देश का ऐसा 8वां राज्य बन गया जिसने राज्य में किसी मामले की सीबीआई जांच के लिए सामान्य सहमति को वापस लेने का फैसला लिया है। इससे पहले विपक्ष की ओर से शासित बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान सामान्य सहमति वापस ले चुके हैं। इन राज्यों ने फैसले के साथ केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार, राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।
विपक्ष ने कहा-कहीं दाल में कुछ काला है
वहीं इस फैसले पर झारखंड के विपक्षी भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि ''मुख्यमंत्री और उनकी सरकार ने अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए यह कदम उठाया है'' क्योंकि राज्य में हेमंत सरकार बनने के बाद से रोज करोड़ों का घोटाला हो रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है, जिसके कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है।
सीबीआई की नो एंट्री की एक वजह यह भी
बताया जा रहा है कि प्रदेश में चल रहे कोल ब्लॉक का कॉमर्शियल माइनिंग और उसके आवंटन को लेकर बढ़ रहे टकराव की वजह से राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। क्योंकि पिछले तीन माह से विपक्ष में बैठी बीजेपी हेमंत सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। जिसके चलते भी सीएम हेमंत सोरेन सर्तक हो गए हैं। क्योंकि विपक्ष कोल के मामले पर सीएम के परिवार को लेकर सीबीआई की जांच की मांग कर रहा है।
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र ने ऐसा फैसला
बता दें कि झारखंड से पहले सीबीआई से यह अधिकार वापस लेने वाला महाराष्ट्र अंतिम राज्य था। जिसने कुछ दिन पहले 22 अक्तूबर को आदेश जारी कर सीबीआई से यह अधिकार वापस लिया था।
(झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन)
सीएम ने ट्विटर पर कही यह बात...
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है। CBI को अब झारखण्ड में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी जो झारखण्ड सरकार (तत्कालीन बिहार) द्वारा 19 फरवरी 1996 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी। अब सीबीआई को किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।
झारखंड की सरकार, खनन-उद्योग, आदिवासी क्षेत्रों की खबरें, रोजगार-विकास परियोजनाएं और सुरक्षा अपडेट्स पढ़ें। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और ग्रामीण इलाकों की ताज़ा जानकारी के लिए Jharkhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय स्थानीय रिपोर्टिंग सिर्फ Asianet News Hindi पर।