झारखंड के पांचवें चरण की 16 सीटों पर घमासान, हेमंत सोरेन के सामने दुर्ग बचाने की चिंता

जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दो सीटों बरहेट और दुमका सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं।  पिछले चुनाव में भी वो इन्ही दोनों सीटों से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन दुमका सीट से वो हार गए थे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2019 6:09 AM IST

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव के चार चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं अब पांचवें और अखिरी चरण की 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान होना है। इस चरण में एक मौजूदा विधायक को छोड़ सभी चुनावी मैदान में हैं। इस चरण में जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरने की अग्निपरीक्षा है तो रघुवर दास सरकार के दो मंत्री लुइस मरांडी और रणधीर सिंह को साख दांव पर लही हुई है। इसके अलावा  पूर्व मंत्री प्रदीप यादव और पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम में सियासी परीक्षा होनी है। 

झारखंड के पांचवें चरण में राजमहल, बोरियो, बरहैट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, सारठ, पौरैयाहाट, गोड्डा और महगामा सीटों पर 20 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। इन 16 सीटों पर कुल 237 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। 

चुनावी मैदान में हेमंत सोरेन 

जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दो सीटों बरहेट और दुमका सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में भी वो इन्ही दोनों सीटों से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन दुमका सीट से वो हार गए थे। जबकि बरहेट सीट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे और सदन में प्रतिपक्ष के नेता बने थे। इस बार जेएमएम प्रमुख इन दोनों सीट पर जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि बीजेपी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जबरदस्त चक्रव्यूह रचा है। 

मौजूदा विधायक की बात करें तो केवल लिट्टीपाड़ा से विधायक साइमन मरांडी ही इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने जेएमएम के टिकट पर ही अपने बेटे दिनेश विलियम मरांडी को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि, बाकी सभी विधायक अपनी-अपनी सीटों को बचाने के प्रयास में इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। वर्तमान विधायकों में ताला मरांडी इस बार बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद आजसू के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। बाकी अपने-अपने दल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। 

छह सीटों पर जेएमएम और पांच पर बीजेपी  का कब्जा

पांचवें चरण की जिन 16 विधानसभा सीटों चुनाव हो रहे हैं। ये सभी सीटें संताल परगना क्षेत्र में आती है, जो जेएमएम का मजबूत गढ़ माना जाता है। इसीलिए 2014 में इन 16 सीटों में से जेएमएम ने 6 पर का कब्जा जमाया था वहीं, पांच सीटें बीजेपी को मिली थी। कांग्रेस ने तीन और जेवीएम ने दो सीटें जीती थीं। पिछले चुनाव में जीतने के बाद जेवीएम के विधायक रणधीर पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और रघुवर सरकार में मंत्री बनने में कामयाब रहे थे। इस बार वे बीजेपी की टिकट पर सारठ से प्रत्याशी हैं। 

इन सीटों पर कड़ी टक्कर

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ताला मरांडी पाला बदल कर आजसू के टिकट पर बोरियो से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने इनका टिकट काटा, बाद में इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

जेएमएम का बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला और जामा सीट पर कब्जा है, जबकि, बीजेपी के पास राजमहल, बोरियो, दुमका, गोड्डा और महगामा सीट हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पास जामताड़ा, पाकुड़ और जरमुंडी सीट है तो जेवीएम के पास पोड़ैयाहाट और सारठ सीट पर कब्जा है। ऐसे में देखना है कि इस बार कौन सी पार्टी किस सीट पर अपना जीत का परचम लहराती है।
 

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