
झरिया, झारखंड. वैसे तो कोरोना संक्रमण ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। संक्रमण के लक्षण दिखते ही व्यक्ति से लोग 2-3 फीट दूर हो जाते हैं। गले मिलना तो दूर, हाथ तक मिलाने से बचते हैं। लेकिन यहां मामला थोड़ा दिलचस्प है। 55 साल के एक आदमी को जुकाम-खांसी ने परेशान कर रखा था। उसे कोरोना संदिग्ध मानकर लोगों ने पुलिस बुला ली। पुलिस उसे डॉक्टर के पास लेकर गई। वहीं, पुलिस की पूछताछ में शख्स की 20 साल पुरानी कहानी सामने आई।
हुआ कुछ ऐसा था...
55 साल के गजाधर सोनार कोडरमा के झुमरी तिलैया में रहते थे। 20 साल पहले पारिवारिक कलह के चलते वे घर से गायब होकर झरिया के लिलोरीपथरा में आकर रहने लगे। परिजनों ने उन्हें खूब ढूंढा, फिर थक-हारकर बैठ गए। अब जब उनका परिवार से मिलन हुआ, तो सबकी आंखों में खुशी के आंसू झलक पड़े।
गजाधर ने झरिया आकर अपना नाम बदलकर सत्यनारायण रख लिया था। यहां वे मजदूरी करके अपना जीवनयापन करते थे। कुछ समय पहले उन्हें सर्दी-खांसी और बुखार हुआ। लोगों को कोरोना का डर सताया, तो फौरन पुलिस को बुला लिया। पुलिस गजाधर को डॉक्टर के पास लेकर गई। इस बीच उनका घरबार पूछा गया, तो वे बताने में आनाकानी करने लगे। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा, तो उन्हें फटकारा और कड़ाई से पूछा। इस पर गजाधर ने सच उगल दिया। यह सुनकर पुलिस हैरान रह गई। पुलिस ने इसकी जानकारी गजाधर के परिजनों को दी। यह सूचना मिलते ही गजाधर की पत्नी अनिता देवी, बेटा चंद्रशेखर और साला अशोक कुमार झरिया पहुंचे। यहां गजाधर को देखकर सबकी आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े।
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