
हजारीबाग (झारखंड). हाड़-मांस कंपा रही ठंड से पूरा देश ठिठुर रहा है। जमीन से लेकर पेड़ों तक पर ओस की बूंदे बर्फ की तरह जम गई हैं। लोग इससे बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। लोग दिन भर आग के सामने बैठने को मजबूर है तो कुछ लोग घरों में अंगीठी जलाकर सो जाते हैं। लेकिन ठंड बचाने के चक्कर में झारखंड के हजारीबाग जिले में एक दर्दनाक हादसा हो गया। अंगीठी जलाकर सोए एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई।
ठंड से बचने की चाहत में खत्म पूरा परिवार
दरअसल, यह दर्दनाक हादसा हजारीबाग जिले के पेलावल ओपी थाना क्षेत्र के रोमी गांव का है। जहां रिंक खान उर्फ शाहीद अनवर (40) अपनी पत्नी नीखत परवीर (35), 5 साल के बेटे अहमद अख्तर और साले मुमताज के साथ रात को कमरे में अंगीठी चलाकर सोए हुए थे। लेकिन चूल्हे से निकले धुएं के कारण दम घुटने से सुबह तक पति-पत्नी और बेटे की मौत हो गई। जबकि साले की हालत गंभीर है।
नए घर गृह प्रवेश की तैयारी कर रहा था परिवार और...
बता दें कि मुखिया रिंकू ने नया घर बनवाया था। सोमवार को नए घर गृह प्रवेश का कार्यक्रम था। इसके लिए सभी रिश्तेदार पहुंचे थे। रविवार रात ठंड से बचने के लिए परिवार चूल्हा और हीटर जलाकर सो गया। धीरे-धीरे चूल्हे से निकला धुआं उस कमरे तक जा पहंचा जहां पति-पत्नी और बेटा सोया हुआ था। कमरे से धुआं के निकलने का कोई रास्ता नहीं था। जिसका परिणाम यह हुआ कि तीनों की दम घुटने से मौत हो गई। सुबह जब रिश्तेदारों ने धुआं देखकर गेट खोला तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि कमरे में तीनों के शव पड़े हुए थे।
डॉक्टरों बताया ऐसी गलती भूलकर भी नहीं करें
इस मामले में डॉक्टरों ने बताया कि कमरे के अंदर या घर में रात को अंगीठी या चूल्हा जलाकर नहीं सोना चाहिए। खासकर ऐसे कमरे में जहां हवा निकलने के रास्ते न हों। यह स्थिति काफी खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकती है। क्योंकि कोयला जलाने से कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलती है। यह गैस सांस की नली से अंदर जाने के बाद दिमाग में खून की सप्लाई रोक देती है। इसके कारण ब्रेन हेमरेज हो सकता है। जिसके चलते लोगों की मौत तक हो जाती है। इसलिए ऐसी गलती बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
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