एक विवाह सबसे न्यारा: माता-पिता और बेटा-बूह ने एक ही मंडप में की शादी, लिव-इन में रह रहा था परिवार

यह जोड़े कई सालों से बिना शादी के लिव-इन रिलेश्न में रह रहे थे। वह गरीबी और अन्य सामाजिक परंपराओं के कारण शादी नहीं करके पति-पत्नी नहीं बन सके थे। इस विवाह में इस तरह कई जोड़े थो जो अपनी गरीबी के चलते रिश्ते नातेदारों को सामूहिक भोज नहीं दे सकते थे। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2021 8:34 AM IST

रांची (झारखंड). हर कोई अपनी शादी को चर्चा में लाने के लिए कई अनोखा तरीका अपना आता है। लेकिन झारखंड विवाह की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे कइयों ने पहले कभी नहीं देखा होगा। यहां  बुजुर्ग माता-पिता ने अपने बेटा-बहू के साथ एक ही मंडप में शादी की। इतना ही नही उनको पोता-पोतियां इस विवाह के साक्षी भी बने।

बिना शादी के कई सालों से रह रहे थे कई जोड़े
दरअसल, रांची के बसिया के सरना मैदान में ऐसे 55 जोड़ों का विवाह हुआ जो पिछले कई सालों से बिना शादी के लिव-इन रिलेश्न में रह रहे थे। वह गरीबी और अन्य सामाजिक परंपराओं के कारण शादी नहीं करके पति-पत्नी नहीं बन सके थे। इस विवाह में इस तरह कई जोड़े थो जो अपनी गरीबी के चलते रिश्ते नातेदारों को सामूहिक भोज नहीं दे सकते थे। जिसके चलते समाज ऐसी शादियों को मान्यता नहीं देता है, इसलिए इन जोड़ों ने कई सालों को बाद सामूहिक विवाह में शादी की।

माता-पिता और बेटा बहू लिव-इन में रहते थे
इस सामूहिक विवाह में  62 वर्षीय पाको झोरा और 56 साल सोमारी देवी भी विवाह मंडप में बैठे हुए थे। साथ में बगल में उनका बेटा जितेंद्र और बहू पूजा ने भी शादी के सात फेरे लिए। माता-पिता पिछले 40 से तो बेटा-बहू भी 12 वर्ष से बिना शादी के एक ही घर में साथ रह रहे थे। अपने दादा-दादी और माता-पिता की इस शादी में उनके पोते-पोतियां और नाती साक्षी बने।

सभी धर्मों के अनुसार हुई यह अनोखी शादी
अनोखे विवाह समारोह में पहुंचे अधिकतर जोड़े  ईसाई धर्म को मानने वाले थे। जिन्होंने शादी कराने वाली संस्था के अनुसार सभी धर्मों के मुताबिक शादी की। इतना ही नहीं इसके लिए पंडित, पुरोहित, पाहन को बुलाया गया था। जिन्होंने सभी रस्मों का पालन कराया।

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