झारखंड सियासी संकट: रायपुर रिसॉर्ट में नजरबंद हुए CM सोरोन के 31 विधायक, किसी से बात करने की अनुमति नहीं

झारखंड का सियासी संकट और ज्यादा गहराता जा रहा है। रांची से रायपुर पहुंचे सीएम हेमंत सोरोन के 31 विधायकों को मेफेयर रिसॉर्ट में नजरबंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं मेंटेनेंस के नाम पर पूरे रिसॉर्ट में बैरिकेडिंग कर दी गई है। किसी से बात करने की अनुमति नहीं है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 31, 2022 12:03 PM IST / Updated: Aug 31 2022, 05:35 PM IST

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता मामले में बुधवार को भी कोई निर्णय नहीं आया, लेकिन इसे लेकर राज्य की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। राजय की आधी सरकार छत्तिसगढ़ में तो आधी झारखंड में डेरा जमाए हुए है। दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को डर है कि कहीं उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त न हो जाए, इसलिए वे फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। झारखंड के सत्ता पक्ष लगातार अपने विधायकों को बचाने की कोशिश कर रहा है। पिछले 5 दिनों से विधायकों की सुबह-शाम सीएम हाउस में हाजिरी लगवाई जा रही है तो कभी सियासी पिकनिक के बहाने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की जा रही है। इसी बीच जानकारी के अनुसार रायपुर पहुंचे 31 विधायकों को नजरबंजद कर दिया गया है। उन्हें किसी से बात तक करने की अनुमति नहीं हैं। वहीं मेंटेनेंस के नाम पर पूरे रिसॉर्ट में बैरिकेडिंग कर दी गई है। 

कैबिनेट बैठक के बाद गुरुवार को रायपुर जाएंगे सीएम
झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कैबिनेट की बैठक के बाद गुरुवार को रायपुर पहुंच सकते हैं। बुधवार शाम एमएलए प्रदीप यादव और मंत्री सत्यानंद भोक्ता रायपुर पहुंचेंगे। वहीं आज ही भोक्ता के साथ 4 अन्य मंत्री आलम गिर आलम, बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव और बादल पत्रलेख रांची वापस लौटेंगे। इसके बाद गुरुवार को कैबिनेट में शामिल होकर ये सभी वापिस रायपुर लौट जाएंगे।

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अपने विधायकों पर हेमंत को विश्वास नहीं
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है, इसलिए वे उन सभी विधायकों को भी रायपुर ले जाना चाहते हैं जो अभी रांची में हैं। हेमंत सोरेन उन नेताओं पर शिकंजा कसाना चाहते हैं जो सरकार में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। सभी विधायकों को रांची से बाहर निकालना इसी का एक हिस्सा माना जा रहा है। 

हेमंत इस बार पूरी तरह अलर्ट
जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार पूरी तरह अलर्ट हैं। उन्हें पता है कि इतनी सीट पहली बार उन्हें हासिल हुई है और वे किसी तरह से इस मौके को खोना नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि वे बीजेपी द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त को देखते हुए पहले से ही सतर्क हैं। उन्होंने बीजेपी के हर वार का अच्छे तरीके से जवाब भी दिया और अपने लोगों के बीच अपनी छवि भी बनाए रखी।

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