असली हीरो:10 दिन की बच्ची के माता-पिता बन डॉक्टर ने दी नई जिंदगी, गोद में लेते ही रोने लगे दादा-दादी

अक्सर लोगों से सुना है कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। इस कहावत को सच कर दिखाया है, रांची की सबसे बड़ी अस्पताल रिम्स के डॉक्टरों ने। जिन्होंने एक 10 दिन की नवजात बच्ची की जिंदगी उसके माता-पिता बनकर बचा ली।
 

रांची. अक्सर लोगों से सुना है कि डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। इस कहावत को सच कर दिखाया है, रांची की सबसे बड़ी अस्पताल रिम्स के डॉक्टरों ने। जिन्होंने एक 10 दिन की नवजात बच्ची की जिंदगी उसके माता-पिता बनकर बचा ली।

अपनी ही बच्ची को छोड़कर भाग गए माता-पिता
दरअसल, कुछ दिन पहले राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल में एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया था। डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि उसके आंत में छेद है। ऐसे पेडियाट्रिक सर्जरी के डॉक्टर उसके ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे, इतने में पता चला की रिपोर्ट आई कि वह कोरोना पॉजिटिव है। इन हालातों में बच्ची के संक्रमित होने की खबर सुनते ही उसके माता-पिता डर के मारे उसे रिम्स में छोड़ कर भाग गए।

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डॉक्टर ने माता-पिता बन बचाई नवजात की जान
माता-पिता ने तो बच्ची का साथ छोड़ दिया, लेकिन डॉक्टरों ने मानवता दिखाते हुए उसे अपनी बच्ची समझकर संभाला। जब उसको भूख लगती तो महिला डॉक्टर उसको दूध पिलातीं और रोने लगती तो उसके चुप कराने लगतीं। बच्ची के कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद पीपीई किट पहनकर उसका ऑपरेशन किया। इस तरह बच्ची कोरोना को मात देते हुए दूसरी बीमारी से भी ठीक हो गई।

गोदे में लेते आंसू नहीं रोक पाए दाद-दादी
करीब 15 दिन बाद जब बच्ची पूर्ण रूप से ठीक हो गई तो उसके दादा-दादी उसको लेने के लिए अस्पताल आए। डॉक्टर अभिषेक रंजन और उनकी टीम ने नम आंखों से नवजात को उनको सौंपी। अपनी पोती को जन्म के 15 दिन बाद गोद में लेते ही दादा-दादी अपने आंसू नहीं रोक पाए।

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