झारखंड में पुलिस और आर्मी के ज्वाइंट ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान बरामद हुए 12 IED, नुकसान पहुंचाने की थी साजिश

झारखंड के लातेहार जिले के बूढ़ा पहाड़ पर पुलिस और आर्मी की कोबरा बटालियन द्वारा संयुक्त जांच में माओवादियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक आईईडी को बरामद कर निष्क्रिय कर दिया है। इनका वजन करीब 7 से 10 किलो के बीच बताए जा रहे है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Nov 25, 2022 10:20 AM IST / Updated: Nov 25 2022, 04:37 PM IST

लालातेहार (latehar). झारखंड के नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए वहां के सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा कई मिशन चलाए जा रहे है। इसके तहत ही नक्सल विरोधी अभियान में जुटे सुरक्षाबलों और पुलिस प्रशासन ने प्रदेश के लातेहार जिले के बुढ़ापहाड़ पर माओवादियों द्वारा लगाए गए 12 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का पता लगाया है। पुलिस ने इनको बरामद करने के बाद डिएक्टिवेट कर दिया है। पुलिस का अनुमान है कि प्रतिबंधित समूह भाकपा द्वारा यह काम किया गया होगा। फिलहाल जांज जा रही है। 

7 से 10 किलों वजन के आईईडी बरामद हुए
लातेहार के पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजान ने जानकारी देते हुए बताया कि बुढ़ापबहाड़ पर प्रतिबंधित भाकपा के सदस्यो की तलाशी का अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान पुलिस व सुरक्षा बलों को 12 IED बरामद हुए। अंजान ने बताया कि इनका वजन करीब 7 से 10 किलो के बीच था और ये पुलिस कर्मचारियों व सिक्योरिटी फोर्स के जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए बिछाए गए थे। पुलिस ने बताया कि नक्सवाद को खत्म करने के लिए पुलिस व सीआरपीएफ के जगुआर व कोबरा बटालियन द्वारा एक ज्वाइंट कार्रवाही कर रही है। जिसे ऑपरेशन ऑक्टोपस नाम दिया गया है। पुलिस ने बताया कि बूढ़ापहाड़ और कोल्हान कभी नक्सलवादियों का घर हुआ करते थे लेकिन नक्सलविरोधी अभियान के तहत पुलिस ने अपना शिविर यहां पर लगाए है।

18 नवंबर व 24 नवंबर के दिन भी पकड़ाए थे आईईडी, और साहित्य पुस्तके
पुलिस ने जानकारी दी कि माओवादियों की सर्चिंग के दौरान भी कांस्टेबलों व सुरक्षाबलों को 120 IED बरामद किए गए थे, जिन्हें सफलतापूर्वक डिएक्टिवेट कर दिया गया था। इसके अलावा एक दिन पहले यानि 24 नवंबर के दिन पुलिस सुरक्षाकर्मियों को 15 किलो का एक कुकरबम, एक क्लेमोर माइन,3 डेटोनेटर, 10 बैटरी, गोला बारूद और  माओवादी साहित्य पुस्तके बरामद की गई थी।

झारखंड में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस द्वारा कई नक्सलविरोधी गतिविधियां चलाई जा रही है। जिसमे उनके ठिकानों का पता लगा कर नष्ट करना उनको अरेस्ट करना या सरेंडर करने के लिए प्रेरित करना जैसी एक्टिविटी शामिल है।

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