हकीकत या फसाना: यहां पहुंचते ही 2 साल आगे बढ़ जाती है घड़ी की सूई, रहस्य समझने में हर कोई नाकाम

झारखंड में रांची से जमशेदपुर जाने वाले मार्ग पर स्थित तैमारा घाटी के पास पहुंचते ही मोबाइल फोन का समय और साल बदल जाता है। NH 33 हाईवे रांची को जमशेदपुर से जोड़ने वाली सड़क है मगर लोग इसे मौत का हाईवे भी कहते हैं। इसी हाईवे पर पड़ने वाली तैमारा घाटी बेहद खतरनाक है। 

Ujjwal Singh | Published : Nov 21, 2022 9:22 AM IST / Updated: Nov 21 2022, 04:43 PM IST

रांची(Jharkhand). अगर आप सफर कर रहे हों और हाईवे पर हर ओर घने जंगल और पहाड़ हों। खुद ही आपके दिल में एक अनजाना से डर लगा रहेगा, लेकिन तभी आप देखते हैं कि आपके फोन की घड़ी में समय सीधे 2022 से 2024 में पहुंच गया है तो सोचिये आपकी हालत क्या होगी। कुछ ऐसा ही वाकया झारखंड की इस सूनसान घाटी में कई लोगों द्वारा सुनने में आया है। लोगों का कहना है कि इस घाटी के पास से सफर के समय पर यहां टाइम जों बदल जाता है और समय डेढ़-दो साल आगे बढ़ जाता है। 

हांलाकि इस बात के कोई पक्का प्रमाण तो नहीं हैं लेकिन कुछ लोगों के मुताबिक झारखंड में रांची से जमशेदपुर जाने वाले मार्ग पर स्थित तैमारा घाटी के पास पहुंचते ही मोबाइल फोन का समय और साल बदल जाता है। NH 33 हाईवे रांची को जमशेदपुर से जोड़ने वाली सड़क है मगर लोग इसे मौत का हाईवे भी कहते हैं। इसी हाईवे पर पड़ने वाली तैमारा घाटी बेहद खतरनाक है। चारों ओर बड़े पहाड़ और जंगल इस घाटी से होकर गुजर रहे रास्ते को खुद-बखुद दहशत से भर देते हैं। 

अपने आप बदल जाता है समय और साल 
कई लोगों ने बताया कि जब आप तैमारा घाटी के आसपास के क्षेत्र में जाएंगे तो आपका फोन भी खुद-ब-खुद आपके कंट्रोल से बाहर हो जाएगा। आपके मोबाइल फोन का डेट ओर टाइम बदल कर दो साल आगे बढ़ जाएगा। जैसे ही आप यहां से आगे बढ़ जाएंगे आपका फोन सही समय दिखाना शुरू कर देगा। यहीं पास में ही स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की प्रधान अध्यापिका ने बताया कि यहां बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाना संभव नहीं हो पाता है क्योंकि जब भी हम बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाते हैं तो अटेंडेंस एक-डेढ़ साल आगे यानि 2023 या 2024 का बन जाता है। इस कारण से हम अब अटेंडेंस रजिस्टर पर ही बनाते हैं। 

इंटरनेट से चलने वाले फंक्शन हो जाते हैं बंद 
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की एक शिक्षिका बागेश्वरी कुमारी के मुताबिक यहां से गुजरते समय मोबाइल पर समय बिल्कुल बदल सा जाता है। कई बार मोबाइल पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है, मोबाइल पर इंटरनेट से होने वाला कोई भी फंक्शन काम नहीं करता। यहां आसपास के कुछ ग्रामीणों के मुताबिक यहां मोबाइल नेटवर्क की प्रॉब्लम हो जाती है। कॉल तो किया जा सकता है मगर इंटरनेट बिल्कुल भी काम नहीं करता है। तारीख और समय भी बदल जाता है। हालांकि, इसका कारण उन्होंने कर्क रेखा को माना है जोकि इस क्षेत्र से गुजरती है।

काफी ज्यादा मात्रा में हैं मैग्नेटिक पत्थर 
वहीं इस मामले में रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के लेक्चरर डॉ नितिश प्रियदर्शी ने एक टीवी चैनल को बताया था कि बीते कुछ महीनों में तैमारा घाटी के पास इस तरह की घटना से जुड़े कई कॉल आ चुके हैं। हाल ही में बच्चों का एक ग्रुप स्कूल से उस जगह पर गया हुआ था। मोबाइल फोन में उनका भी समय और साल बादल गया था। डॉ प्रियदर्शी के मुताबिक रांची से पास और तैमारा घाटी के पहले एक नामकुम इलाका पड़ता है। इसके पास खोज के दौरान कुछ ऐसे पत्थर मिले हैं, जिससे पता चलता है कि इलाके में मैग्नेटिक चट्टान वाले पत्थर हैं। यह पत्थर वहां काफी मात्रा हैं। 

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