झारखंड के लातेहार के विवाद नेतरहाट फायरिंग रेंज के लीज बढ़ाने के प्रस्ताव को प्रदेश के मुखिया हेमंत सोरेन ने रिजेक्ट कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद आदिवासियों के 30 सालों के संघर्ष का अंत होगा।
लातेहार ( झारखंड): झारखंड राज्य सरकार ने विवादित नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को बंद करने का फैसला किया है। इसकी अवधि विस्तार के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अस्वीकृत कर दिया है। कहा गया है कि राज्य सरकार इसे अब अधिसूचित नहीं करेगी। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि सीएम ने जनहित को ध्यान में रखते हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को फिर से अधिसूचित नहीं करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। जानकारी हो कि लंबे समय से लोग नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को बंद करने की मांग रहे थे। कुछ माह पूर्व लोगों ने इसे बंद करने के लिए पद यात्रा और जनसभा का आयोजन किया था। जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे।
काफी समय से हो रहा था विरोध
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का लोग काफी समय से विरोध कर रहे थे। लोग करीब 30 साल से लागातार इसकी अधिसूचना रद्ध करने की मांग कर रहे थे। विरोध-प्रदर्शन भी किया था। इसे विरोध में लातेहार जिला के करीब 39 राजस्व गांव के लोगों ने ग्राम सभा के माध्यम से राज्यपाल और राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा था। जिसमें लोगों ने बताया था कि लातेहार व गुमला जिला पांचवी अधिसूची के अंतर्गत आता है। .यहां पेसा एक्ट 1996 लागू है। जिसके तहत ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। इस वर्ष भी नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में स्थानीय लोगों द्वारा विरोध-पदर्शन किया जाना था।
1964 में शुरु हुआ था नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज
नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज 1964 में शुरु हुआ था। तत्कालिन अविभाजित बिहार सरकार द्वारा 1999 में अवधि विस्तार किया गया था। इस बंद करने का निर्णय लेने के बाद सीएम हमेंत सोरन ने कहा कि अब हजारों आदिवासियों का 30 वर्षों का संघर्ष समाप्त हो जाएगा। इसके बंद होने से स्थानीय लोगों में हर्ष है।